300 शिक्षकों के 4 करोड़ रुपए का लंबित भुगतान, वर्षों से भटक रहे शिक्षक

गरियाबंद। देवभोग ब्लॉक के लगभग 300 शिक्षकों का कुल 4 करोड़ रुपए का भुगतान वर्षों से प्रशासनिक पेंच में अटका हुआ है। इसमें सवा 3 करोड़ रुपए अंशदायी पेंशन योजना के तहत और करीब 80 लाख रुपए क्रमोन्नत वेतनमान के लिए बकाया हैं। यह राशि संविलियन से पहले ही भुगतान होनी थी, लेकिन जिला पंचायत, बीईओ कार्यालय और जनपद स्तर पर फाइलों में उलझन के कारण आज तक कोई समाधान नहीं निकला। परिणामस्वरूप शिक्षक अपने मेहनताने के लिए लगातार सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं।
छत्तीसगढ़ सहायक/समग्र शिक्षक देवभोग इकाई के अध्यक्ष अवनीश पात्र के नेतृत्व में प्रतिनिधि मंडल ने जिला पंचायत अध्यक्ष गौरीशंकर कश्यप को ज्ञापन सौंपकर जल्द भुगतान की मांग की। जिला पंचायत अध्यक्ष ने शिक्षकों की व्यथा सुनते हुए समाधान के लिए जिला पंचायत सीईओ के साथ कमेटी गठित करने का आश्वासन दिया।
अंशदायी पेंशन योजना मार्च 2013 से लागू हुई थी। इस योजना के तहत शिक्षक के वेतन से 10% और शासन की ओर से 10% नियोक्ता अंश उनके PRAN खाते में जमा होना था। मार्च 2012 से जून 2022 तक कर्मचारी अंश कट चुका था, लेकिन संविलियन के बाद जिला पंचायत ने नियोक्ता अंश के अभाव का हवाला देते हुए भुगतान रोक दिया।
लगभग 60 शिक्षकों की 80 लाख रुपए की रिकवरी भी 2014 में की गई थी, जिसे बाद में कोर्ट ने गलत ठहराया। अधिकांश जिलों में राशि वापस कर दी गई, लेकिन देवभोग में अधिकारियों की मनमानी के कारण राशि अटकी रही। ट्रेज़री में जमा करने के बजाय तत्कालीन बीईओ ने इसे अपने खाते में रखा और कई मदों में खर्च कर दिया।
देवभोग बीईओ देवनाथ बघेल ने बताया कि लंबित राशि की जानकारी समय-समय पर जिला पंचायत को दी जाती रही है। शेष 3 लाख रुपए शासन के खाते में जमा कर दिए गए हैं और आगे दिए गए निर्देशों के अनुसार कार्रवाई होगी। शिक्षक संगठन का कहना है कि वे अब उचित वेतनमान चाहते हैं, ताकि भविष्य की सेवा और पेंशन लाभ प्रभावित न हो।





