असम में 2023 तक 1,59,353 विदेशियों की पहचान की गई, सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने दी जानकारी
गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने विधानसभा में जानकारी दी कि 1971 से 31 दिसंबर, 2023 के बीच असम में विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा 1,59,353 विदेशियों की पहचान की गई है. जबकि 1971 से 2014 के बीच असम में विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा पहचाने गए अवैध अप्रवासियों की संख्या 47,928 है.
सीएम सरमा राज्य के गृह विभाग का भी प्रभार संभाल रहे हैं. उन्होंने विधानसभा सत्र के दौरान एजीपी विधायक पोनकोन बरुआ के एक प्रश्न का उत्तर देते हुए सदन में यह जानकारी पेश की.धर्म के अनुसार घुसपैठियों के आंकड़े
विधानसभा के पटल पर रखी गी जानकारी के अनुसार, इन 43 वर्षों में असम में प्रवेश करने वाले 47,928 विदेशियों में से 20,613 हिंदू, 27,309 मुस्लिम और छह अन्य धर्मों के लोग हैं. अगर इस अवधि के दौरान अवैध विदेशियों के प्रतिशत पर नजर डालें तो उनमें से 43 प्रतिशत हिंदू हैं, जबकि 56.9 प्रतिशत मुस्लिम हैं. इन लोगों को राज्य में स्थापित विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा विदेशी घोषित किया गया था.
असम के किस जिले में कितने विदेशी हैं?
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, 1971 से 2014 के बीच विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा विदेशी घोषित किए गए लोगों में बराक घाटी के कछार जिले में सबसे अधिक विदेशी हैं. इन 43 वर्षों में कछार में न्यायाधिकरणों द्वारा कुल 10,152 लोगों को विदेशी घोषित किया गया. जिनमें से 8,139 हिंदू और 2,013 मुस्लिम हैं.
कामरूप महानगर जिला दूसरे स्थान पर
जानकारी के अनुसार विदेशी की संख्या के मामले में कामरूप महानगर जिला दूसरे स्थान पर है. इस अवधि के दौरान कामरूप महानगर जिले में कुल 6,781 लोगों को विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा विदेशी घोषित किया गया. इनमें से 2,884 हिंदू और 3,897 मुस्लिम हैं.
अवैध अप्रवासियों के 96,149 मामले अभी भी लंबित
बता दें, असम से विदेशियों को निकालने के लिए 6 साल तक चले आंदोलन के बाद 1985 में केंद्र सरकार, असम सरकार और ऑल असम स्टूडेंट्स यूनियन के बीच ऐतिहासिक त्रिपक्षीय असम समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे. इस समझौते के अनुसार, 24 मार्च 1971 की मध्यरात्रि के बाद जो अवैध अप्रवासी असम आए, उन्हें विदेशी माना जाएगा और उनका पता लगाकर उन्हें निर्वासित किया जाएगा. सीएम सरमा के अनुसार 31 दिसंबर, 2023 तक विदेशी न्यायाधिकरणों द्वारा कुल 3,37,186 मामलों का समाधान किया गया है. विदेशी न्यायाधिकरणों में अवैध अप्रवासियों के 96,149 मामले अभी भी लंबित हैं.