नारायणपुर:अबूझमाड़ में 11 नक्सलियों का आत्मसमर्पण, सरकार की पुनर्वास योजना से जुड़ेंगे

नारायणपुर: छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित नारायणपुर जिले के अबूझमाड़ क्षेत्र में 11 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है। इन नक्सलियों ने हिंसा छोड़कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया है। इनमें दो बड़े कैडर के नक्सली शामिल हैं, जो डिविजनल कमेटी मेंबर (डीवीसीएम) के रूप में काम कर रहे थे और कई नक्सली हमलों में शामिल रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले 11 नक्सलियों पर कुल 40 लाख रुपए का इनाम घोषित था। दो डीवीसीएम कैडर पर आठ-आठ लाख, एरिया कमेटी मेंबर (एसीएम) पर पांच-पांच लाख और अन्य नक्सलियों पर दो-दो लाख रुपए का इनाम था।
सरकार की नीति के कारण आत्मसमर्पण
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, इन नक्सलियों ने सरकार की पुनर्वास नीति और सुरक्षा बलों के बढ़ते दबाव के कारण आत्मसमर्पण किया। प्रशासन का कहना है कि वे अब हिंसा छोड़कर समाज की मुख्यधारा से जुड़ना चाहते हैं।
इस आत्मसमर्पण को नक्सल विरोधी अभियान की बड़ी उपलब्धि माना जा रहा है। अधिकारियों ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार की पुनर्वास योजना के तहत आवश्यक सहायता दी जाएगी, जिससे वे समाज में एक नई शुरुआत कर सकें।
सुकमा में दो नक्सली ढेर
इसी बीच, सुकमा जिले के गुंडाराज गुडेम क्षेत्र में सुरक्षा बलों ने नक्सल विरोधी अभियान चलाया। सर्च ऑपरेशन के दौरान मुठभेड़ में दो नक्सली मारे गए। इनमें महिला नक्सली सोड़ी लिंगे और पुरुष नक्सली पोड़ियाम हड़मा शामिल थे। दोनों पामेड़ एरिया कमेटी में सक्रिय थे और उन पर 10 लाख रुपए का इनाम घोषित था।
सुरक्षा बलों ने मुठभेड़ स्थल से एक बीजीएल लॉन्चर, 12 बोर राइफल, विस्फोटक सामग्री और नक्सल साहित्य बरामद किया। पुलिस का कहना है कि इस तरह के ऑपरेशन आगे भी जारी रहेंगे, ताकि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा बनी रहे।
नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में बदलाव की उम्मीद
अबूझमाड़ और सुकमा जैसी जगहों पर नक्सलियों के आत्मसमर्पण और मुठभेड़ से साफ है कि सुरक्षा बल लगातार दबाव बना रहे हैं। वहीं, सरकार की पुनर्वास नीति से आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को नई जिंदगी शुरू करने का मौका मिल रहा है। इससे उम्मीद की जा रही है कि आने वाले समय में नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति और विकास की नई राह खुलेगी।