मोदी से मिलने को बेताब हैं यूनुस, पूर्वोत्तर राज्यों पर बदल गए बांग्लादेश के बोल

ढाका, 3 अप्रैल 2025: बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस BIMSTEC शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से द्विपक्षीय वार्ता के लिए उत्सुकता जाहिर कर रहे हैं। यह पहली बार है जब 2018 के बाद BIMSTEC सम्मेलन में प्रमुख नेताओं की मुलाकात की संभावना सामने आई है। यूनुस ने थाइलैंड में आयोजित सम्मेलन में पीएम मोदी के साथ आमने-सामने वार्ता की मांग रखी है।
बैठक का प्रस्ताव और इसकी पृष्ठभूमि
ढाका ट्रिब्यून और यूनुस के उच्च प्रतिनिधि खलीलुर रहमान के हवाले से कहा गया है कि बांग्लादेश ने इस बैठक का अनुरोध किया है। बांग्लादेश की सरकारी न्यूज एजेंसी ने भी बैठक की संभावना से इनकार नहीं किया है। यूनुस का मानना है कि दोनों देशों के बीच बढ़ते कूटनीतिक तनाव और पूर्वोत्तर राज्यों पर हालिया भारत के बयान के बीच यह मुलाकात जरूरी है।
यूनुस ने हाल ही में चीन का दौरा भी किया था, जहाँ उन्होंने भारत के खिलाफ कटु बयान दिए थे। उनके बयान में कहा गया कि भारत के पूर्वी हिस्से, जिन्हें ‘सेवन सिस्टर्स’ के नाम से जाना जाता है, लैंडलॉक्ड हैं और इन्हें समंदर तक पहुँच प्राप्त नहीं है। यूनुस ने दावा किया कि इन क्षेत्रों का संरक्षक देश चीन हो सकता है और यह चीन के आर्थिक विस्तार के द्वार खोल सकता है।
कूटनीतिक तनाव और दोनों देशों के संबंध
हालांकि भारत ने बांग्लादेश में हिंदुओं पर बढ़ती हिंसा को लेकर चिंता व्यक्त की है, यूनुस के बयान से यह संकेत मिलता है कि बांग्लादेश के बोल में अचानक बदलाव आया है। यूनुस ने अपने बयान में यह भी कहा कि उनकी सरकार और जनता को भारत के साथ बेहतर द्विपक्षीय संबंधों की आवश्यकता है। इस संदर्भ में, पीएम मोदी ने भी हाल ही में बांग्लादेश के राष्ट्रीय दिवस पर यूनुस को बधाई देते हुए एक पत्र भेजा था, जिसमें उन्होंने साझा इतिहास और बलिदानों का जिक्र करते हुए द्विपक्षीय साझेदारी को आगे बढ़ाने का आह्वान किया था।
राजनीतिक प्रतिक्रिया
भारत में इस बैठक की संभावना पर राजनीतिक दलों में मिली-जुली प्रतिक्रिया देखने को मिल रही है। कुछ प्रमुख बीजेपी नेताओं ने प्रधानमंत्री को बांग्लादेश के इस मुख्य सलाहकार के साथ आमने-सामने की मुलाकात से बचने की सलाह दी है, जबकि अन्य के मत में यह मुलाकात कूटनीतिक तनाव कम करने और दोनों देशों के बीच विश्वास बहाल करने का एक सकारात्मक कदम हो सकती है।
यह बैठक दोनों देशों के बीच चल रहे कूटनीतिक मुद्दों और सुरक्षा चिंताओं के बीच एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकती है।





