छत्तीसगढ़ में उद्यमिता आयोग का गठन करने से क्या होगा !

रायपुर : छत्तीसगढ़ सरकार लगातार उद्योगों के विकास और प्रदेश में नए रोजगार के अवसर निर्मित करने के लिए कार्यरत है… जिसके तहत प्रदेश सरकार विभिन्न तरह की योजनाएं भी चला रही है.. साथ ही नई औद्योगिक विकास नीति 2024-2030 के तहत लगातार विदेशी निवेशकों को छत्तीसगढ़ की ओर आकर्षित करने की कोशिश कर रही है… वहीं छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश में  उद्योगों के विकास के लिए उद्यमिता आयोग का गठन करने का फैसला लिया है.. जिसे लेकर रायपुर के अग्रसेन धाम में आयोजित स्वदेशी जागरण मंच की अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस योजना की घोषणा की है..

दरअसल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय शनिवार को स्वदेशी जागरण मंच के अखिल भारतीय कार्यकारिणी परिषद की बैठक में शामिल हुए.. जिसमें इस मंच की ऐतिहासिक यात्रा को समर्पित पुस्तक “स्वदेशी की विकास यात्रा” का विमोचन किया….साथ ही उन्होने कार्यक्रम को संबोधित करते इस योजना की घोषणा की… और कहा कि यह आयोग राज्य में उद्यमशीलता की संस्कृति को मजबूत करेगा और रोजगार सृजन की संभावनाओं का अध्ययन करेगा। इसके तहत युवाओं के कौशल विकास और रोजगार प्रशिक्षण के लिए कार्य किया जाएगा… साथ ही युवा और नवाचार आधारित स्टार्टअप्स को सरकार हर संभव सहायता देगी..

क्या होंगे फायदे

चलिए अब बात करते हैं इससे क्या फायदे होंगे… तो बता दें कि इसके विभिन्न क्षेत्रों को लाभ की बात कही…जो कुछ इस प्रकार है…

विकसित भारत की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इसे विकसित भारत की दिशा में सबसे महत्वपूर्ण कदम बताते हुए कहा कि “विकसित छत्तीसगढ़ और विकसित भारत @2047” के निर्माण के लिए स्वदेशी को आत्मसात करने की बात कही.. साथ ही कहा कि स्वदेशी जागरण मंच हमेशा से आत्मनिर्भरता और स्वदेशी उद्योगों को बढ़ावा देने की वकालत करता रहा है.. भारत एक विशाल और संपन्न देश है। यहाँ प्रचुर प्राकृतिक संसाधन उपलब्ध हैं, और साथ ही हमारे पास विश्व की सबसे बड़ी युवा आबादी है। यह हमें न केवल एक विशाल उपभोक्ता बाजार प्रदान करता है, बल्कि नवाचार और औद्योगिकीकरण के लिए भी असीम संभावनाएँ खोलता है। वैश्विक परिदृश्य में आ रहे बदलावों की ओर भी ध्यान दिलाया। साथ ही कहा कि वैश्विक व्यवस्था में आ रहे परिवर्तनों को देखते हुए स्वदेशी जागरण मंच जैसी राष्ट्रीय संस्थाओं की भूमिका और अधिक महत्वपूर्ण हो जाती है…

उद्योगपतियों को मिलेगा प्रोत्साहन

इसके अलावा मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में “मेक इन इंडिया” अभियान ने भारत में स्वदेशी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए उद्योगों को संरक्षण और समर्थन प्रदान किया। आज भारत लगभग हर क्षेत्र में आत्मनिर्भर बन चुका है। हमने अपने उद्योगपतियों को प्रोत्साहित किया, उन्हें आवश्यक सुविधाएँ दीं और इसका परिणाम यह हुआ कि हम अब न केवल घरेलू जरूरतों को पूरा कर रहे हैं, बल्कि वैश्विक बाजार में भी मजबूती से उभर रहे हैं…

नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के उद्योगों को मिलेगा बढ़ावा

मुख्यमंत्री साय ने नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के पुनर्निर्माण और विकास के लिए स्वदेशी जागरण मंच की सक्रिय भागीदारी का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की नई नीतियों और सुरक्षा बलों के प्रभावी प्रयासों के कारण नक्सलवाद अब बहुत सीमित क्षेत्र में सिमट गया है। अब समय आ गया है कि स्वदेशी जागरण मंच के सहयोग से इन क्षेत्रों में उद्योग-धंधे स्थापित किए जाएँ, जिससे स्थानीय युवाओं को रोजगार मिले और वे नक्सलवाद की ओर न जाने पाएं..

रोजगार के ने अवसर होंगे निर्मित

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ की नई औद्योगिक नीति को प्रदेश की प्राकृतिक संपदा और क्षेत्रीय आवश्यकताओं के अनुरूप तैयार किया गया है। इस नीति में रोजगार सृजन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी गई है। सिंगल विंडो सिस्टम लागू किया गया है ताकि उद्योग स्थापित करने की प्रक्रिया को तेज और सरल बनाया जा सके। स्थानीय संसाधनों के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए विशेष प्रोत्साहन योजनाएँ भी चलाई जा रही हैं।

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