बिलासपुर में धर्मांतरण को लेकर बवाल, रामनवमीं पर प्रार्थना सभा में हंगामा

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले में एक बार फिर धर्मांतरण को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। रामनवमीं के दिन बहतराई इलाके में एक प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया था। हिंदूवादी संगठनों का आरोप है कि इस सभा के जरिए लोगों का धर्म परिवर्तन कराया जा रहा था। संगठन के कार्यकर्ताओं ने सभा का विरोध करते हुए जमकर हंगामा किया और पुलिस को सूचना दी।
पुलिस ने मौके पर पहुंचकर की कार्रवाई
सूचना मिलते ही सरकंडा थाना प्रभारी निलेश पांडेय पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे। पूछताछ में सामने आया कि दीपा गोटेल अपने घर में प्रार्थना सभा करा रही थीं। इसमें बड़ी संख्या में लोग शामिल थे। जांच में पता चला कि पहले भी 31 मार्च को इसी तरह की सभा में पास्टर दीपक सिंह सिदार और उनकी पत्नी पूजा सिदार ने धार्मिक उपदेश दिए थे। पुलिस ने दीपा गोटेल, पास्टर दीपक सिदार, पूजा सिदार समेत कुल 6 लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत मामला दर्ज
पुलिस ने सभी आरोपियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ धर्म स्वातंत्र्य अधिनियम के तहत केस दर्ज किया है। इसके अलावा अन्य प्रतिबंधात्मक धाराओं में भी कार्रवाई की जा रही है। हिंदूवादी संगठन के कार्यकर्ता राम सिंह ठाकुर ने कहा कि बिलासपुर में लगातार धर्मांतरण की घटनाएं हो रही हैं। कोनी, सकरी, सिविल लाइन और मस्तूरी के बाद अब सरकंडा क्षेत्र को निशाना बनाया गया। उन्होंने आरोप लगाया कि भोले-भाले हिंदुओं को लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया जा रहा है।
पुलिस मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई की बात कह रही है। वहीं, यह मामला अब राजनीतिक रंग भी लेता जा रहा है।