ईरान पर हमले से पहले ट्रंप ने खोली कूटनीतिक खिड़की, बातचीत की कोशिशें तेज

दिल्ली। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ संभावित सैन्य कार्रवाई से पहले दो हफ्ते की कूटनीतिक बातचीत की खिड़की खोली है। सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रंप प्रशासन चाहता है कि इस दौरान ईरान परमाणु समृद्धिकरण कार्यक्रम को छोड़ने पर सहमत हो जाए जो पहले खारिज कर दिया गया था। इजरायल द्वारा ईरान पर हो रहे हमलों और मिसाइलों के नुकसान के दबाव में अमेरिका को उम्मीद है कि ईरान बातचीत के लिए तैयार होगा।
इस पहल के तहत, व्हाइट हाउस ने मध्य पूर्व में विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और उपराष्ट्रपति जेडी वेंस को भेजने की योजना बनाई, लेकिन अब तक कोई आधिकारिक वार्ता तय नहीं हुई है। वहीं, यूरोप के ब्रिटेन, जर्मनी और फ्रांस के विदेश मंत्री शुक्रवार को जिनेवा में ईरानी प्रतिनिधियों से मुलाकात करेंगे। हालांकि ईरान ने साफ किया है कि जब तक इजरायल उसके ठिकानों पर बमबारी बंद नहीं करता, तब तक वह अमेरिका से कोई बातचीत नहीं करेगा। सीएनएन के अनुसार, ईरान का आरोप है कि अमेरिका ने इजरायल को हमले रोकने के लिए कोई दबाव नहीं डाला है।
व्हाइट हाउस प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने कहा कि अमेरिका कूटनीति के लिए तैयार है, लेकिन अमेरिका की सैन्य ताकत भी विश्व की सबसे शक्तिशाली है। वहीं, ट्रंप ने सिचुएशन रूम बैठकों में ईरान के फोर्डो स्थित भूमिगत परमाणु ठिकानों पर बंकर बस्टर बम हमले के विकल्प की समीक्षा की, लेकिन उन्होंने लंबे युद्ध के खतरे को लेकर चिंता जताई। इस बीच, अमेरिका के विदेश मंत्री रुबियो ने भी ब्रिटेन सहित सहयोगियों से संपर्क कर यह स्पष्ट किया कि ईरान को किसी भी हाल में परमाणु हथियार विकसित नहीं करने दिए जाएंगे।





