रायपुर में असिस्टेंट प्रोफेसर समेत 140 से करोड़ो की ठगी, पुलिस जुटी जांच में

रायपुर। रायपुर की एक प्राइवेट कंपनी ने असिस्टेंट प्रोफेसर समेत 140 लोगों को ठगी का शिकार बना लिया है। कंपनी ने बिना बैंक गए इन लोगों से लोन दिलवाने का झांसा दिया और फिर उनसे एक इन्वेस्टमेंट स्कीम के नाम पर पैसे हड़प लिए। अब इस मामले में कोतवाली थाना में शिकायत दर्ज की गई है।

पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार रायपुर के शासकीय आयुर्वेदिक कॉलेज में असिस्टेंट प्रोफेसर त्रिभुवन सिंह ने बताया कि मार्च 2024 में उन्हें एक अनजान नंबर से कॉल आई, जिसमें कंपनी के कर्मचारियों ने उन्हें लोन दिलवाने का वादा किया। इसके बाद उन्हें रायपुर के छोटापारा स्थित आरवी ग्रुप एडवाइजर प्राइवेट लिमिटेड ऑफिस का पता दिया गया।

बैंक से लोन दिलवाकर हडपे पैसे

कंपनी के कर्मचारियों ने कहा कि बिना बैंक जाए ही लोन मिल जाएगा और कंपनी की गारंटी पर लोन दिलवाया जाएगा। इसके बाद, प्रोफेसर त्रिभुवन सिंह को 5 अलग-अलग बैंकों से करीब 72 लाख रुपए का लोन दिलवाया गया। इनमें चोलामंडलम, इंडसइंड बैंक, यस बैंक, ICICI बैंक और आदित्य बिरला बैंक शामिल थे।

 कंपनी ने प्रोफेसर को एक स्कीम का झांसा दिया, जिसमें कहा गया कि अगर वे लोन की 50% राशि कंपनी में जमा करेंगे तो उनका लोन चुकता हो जाएगा। इसके बाद प्रोफेसर ने कंपनी के पार्टनर अभय गुप्ता को 36 लाख रुपए चेक के जरिए दिए। हालांकि, कंपनी ने लोन की किस्तें देना बंद कर दिया और संपर्क करने पर टालमटोल करने लगे।

पीड़ितों की संख्या बढ़ सकती है

इस ठगी का शिकार सिर्फ त्रिभुवन सिंह ही नहीं, बल्कि 140 से ज्यादा लोग हो चुके हैं। सभी को गलत जानकारी देकर बैंक से लोन दिलवाया गया और फिर आधे पैसे लेकर धोखा दिया गया। कुछ और लोगों से 1 करोड़ 3 लाख रुपए की ठगी की जानकारी भी सामने आई है। कोतवाली थाना प्रभारी सुधांशु बघेल ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए FIR दर्ज की गई है और आरोपियों से जल्द पूछताछ की जाएगी। पुलिस को शक है कि इस मामले में बैंक कर्मचारियों की भी मिलीभगत हो सकती है। मामले में विवेचना जारी है।

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