युक्तिकरण के नए नियमों पर फूटा शिक्षकों का गुस्सा, उग्र आंदोलन की चेतावनी

बिलासपुर
छत्तीसगढ़ में हाल ही में लागू किए गए युक्तियुक्तकरण के नए नियमों ने प्रदेशभर के शिक्षकों में भारी असंतोष पैदा कर दिया है। शिक्षक संगठनों का कहना है कि यह नीति न सिर्फ़ विसंगतियों से भरी हुई है, बल्कि इससे हज़ारों पदों की कटौती कर दी गई है, जिससे शिक्षा व्यवस्था पर भी बुरा असर पड़ेगा।
क्या है मामला?
शिक्षकों का आरोप है कि सरकार द्वारा वर्ष 2024 में एकतरफा तरीके से लागू किए गए युक्तिकरण नियमों में प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक शालाओं से एक-एक पद बिना किसी स्पष्ट तर्क के समाप्त कर दिया गया है।
संभाग संचालक बसंत चतुर्वेदी ने जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षकों की वर्षों से यह मांग रही है कि युक्तिकरण 2008 के सेटअप के आधार पर किया जाए, लेकिन शासन ने उनकी मांगों को नज़रअंदाज़ करते हुए नई व्यवस्था लागू कर दी।
शिक्षकों की प्रमुख आपत्तियाँ:
प्रदेश में करीब 40,000 पदों की कटौती
जूनियर शिक्षकों को सीनियर पदों पर पदस्थ किया गया
रिक्त पद नहीं होने के बावजूद जबरन पदस्थापना
पारदर्शी काउंसलिंग प्रक्रिया का अभाव
शिक्षकों की माँगें:
वर्ष 2024 के युक्तिकरण को तत्काल निरस्त किया जाए
2008 के सेटअप के आधार पर नई व्यवस्था लागू हो
पारदर्शी और व्यावहारिक काउंसलिंग प्रक्रिया अपनाई जाए
शिक्षा व्यवस्था को प्रभावित करने वाले निर्णय शिक्षक संगठनों से विमर्श के बाद ही लिए जाएं
ज्ञापन सौंपा, दी आंदोलन की चेतावनी
इन सभी मुद्दों को लेकर प्रदेशभर के शिक्षक संगठनों ने शुक्रवार को कमिश्नर कार्यालय पहुंचकर ज्ञापन सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों पर जल्द निर्णय नहीं लिया, तो वे आंदोलन करने को बाध्य होंगे।
क्या कहता है शिक्षा विभाग?
फिलहाल सरकार की ओर से कोई औपचारिक प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है, लेकिन सूत्रों के अनुसार, शासन ने युक्तिकरण के इस प्रारूप को अंतिम मानते हुए लागू करने का निर्णय लिया है, जिससे शिक्षक और अधिक नाराज़ हो गए हैं।





