सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया के पासपोर्ट आवेदन पर विचार करने से किया इनकार

सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को यूट्यूबर और पॉडकास्टर रणवीर अल्लाहबादिया उर्फ बीयरबाइसेप्स द्वारा दायर उस आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया, जिसमें उन्होंने कॉमेडियन समय रैना के यूट्यूब शो ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ में की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों की जांच के बाद विदेश यात्रा के लिए अपना पासपोर्ट जारी करने का अनुरोध किया था।
क्या है मामला?
10 फरवरी 2025 को प्रसारित ‘इंडियाज गॉट लेटेंट’ के बोनस एपिसोड 6 में रणवीर अल्लाहबादिया सहित कई कंटेंट क्रिएटर्स और इन्फ्लुएंसर्स गेस्ट के तौर पर शामिल थे। इस एपिसोड के दौरान रणवीर ने माता-पिता की सेक्सुअल लाइफ को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी की थी, जिसके बाद विवाद उठ खड़ा हुआ। इसके परिणामस्वरूप देशभर के विभिन्न हिस्सों से शो से जुड़े लोगों के खिलाफ कई मामले दर्ज किए गए थे।
शो के प्रसारण के बाद, रणवीर अल्लाहबादिया ने सार्वजनिक रूप से माफी मांगी थी। वहीं, शो के होस्ट समय रैना ने अपने यूट्यूब चैनल से इस एपिसोड का वीडियो डिलीट कर दिया था।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को रणवीर अल्लाहबादिया के पासपोर्ट को लेकर दायर किए गए आवेदन पर विचार करने से इनकार कर दिया। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने शीर्ष अदालत को सूचित किया कि मामले की जांच 2 सप्ताह में पूरी होने की संभावना है। सुप्रीम कोर्ट ने रणवीर अल्लाहबादिया को गुवाहाटी, मुंबई और जयपुर में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर में गिरफ्तारी से संरक्षण देने के अपने अंतरिम आदेश को बढ़ा दिया है।
रणवीर ने अपने शो में शालीनता बनाए रखने का वादा करते हुए पासपोर्ट जमा करने की शर्त में संशोधन की भी मांग की। हालांकि, सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले में कोई अंतरिम राहत देने से इंकार कर दिया।
समय रैना का बयान
कॉमेडियन और यूट्यूबर समय रैना ने पिछले महीने महाराष्ट्र साइबर सेल के अधिकारियों के सामने अपना बयान दर्ज कराया था। उन्हें अपने यूट्यूब शो के विवाद से संबंधित कई समन मिले थे। वह विदेश यात्रा पर गए थे, लेकिन बाद में भारत लौटने के बाद अधिकारियों के सामने पेश हुए।
मामला क्यों उठा?
यह पूरा विवाद रणवीर अल्लाहबादिया द्वारा की गई आपत्तिजनक टिप्पणियों से शुरू हुआ, जिसने समाज में आक्रोश उत्पन्न किया। बोटल कंडीशन को लेकर कई विवादों के बाद इस मामले की जांच जारी है।
सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए आदेशों और जांच प्रक्रिया को ध्यान में रखते हुए, यह मामला और जटिल हो सकता है।