पहलगाम हमला: CGNN ने की कड़ी निंदा – सरकार से त्वरित और निर्णायक कार्रवाई की मांग

22 अप्रैल 2025 | श्रीनगर/नई दिल्ली | CGNN ब्यूरो रिपोर्ट जम्मू-कश्मीर के पर्यटन स्वर्ग पहलगाम में मंगलवार को जो खूनी मंजर सामने आया, उसने पूरे देश को दहला कर रख दिया। हरे-भरे मैदानों में जहां पर्यटक चैन की साँस लेने पहुंचे थे, वहां अचानक गोलियों की आवाज़ गूंज उठी। एक शांतिपूर्ण दोपहर आतंक के तूफान में तब्दील हो गई।
CGNN इस भयावह आतंकी हमले की कड़ी निंदा करता है। यह केवल एक हमले नहीं, बल्कि भारत की संप्रभुता, शांति और इंसानियत पर सीधा हमला है।
हमले की तस्वीर
पहलगाम के बायसरन घाटी में आतंकियों ने घात लगाकर हमला किया। सेना की वर्दी में आए हमलावरों ने पर्यटकों से पहचान पूछकर एक खास समुदाय को निशाना बनाया और अंधाधुंध गोलियां चलाईं। अब तक की जानकारी के अनुसार, 26 निर्दोष लोगों की जान चली गई, जिनमें दो विदेशी नागरिक भी शामिल हैं। 12 से अधिक घायल हैं, जिनका श्रीनगर आर्मी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
CGNN का सरकार से सवाल और मांग
CGNN यह स्पष्ट करना चाहता है कि अब केवल शोक और निंदा के वक्तव्य काफी नहीं हैं।
हम भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि:
पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद के खिलाफ सीधा और निर्णायक एक्शन लिया जाए।
जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा खामियों की जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई की जाए।
आतंकी संगठनों और उनके मददगारों को सीधे निशाना बनाया जाए, चाहे वे सीमा के इस पार हों या उस पार।
कूटनीतिक स्तर पर पाकिस्तान को वैश्विक मंचों पर बेनकाब किया जाए।
पाकिस्तान की भूमिका संदिग्ध नहीं, प्रमाणित है
CGNN यह मानता है कि इस हमले के पीछे जो नेटवर्क है, वह पाकिस्तान की धरती से चलने वाला आतंक का तंत्र है। सिर्फ शब्दों की निंदा नहीं, अब एक्शन की जरूरत है।
जनता का आक्रोश, देश की मांग
सोशल मीडिया से लेकर सड़कों तक जनता का गुस्सा साफ झलक रहा है। लोग कह रहे हैं – “अब बहुत हो गया!” CGNN इस जनभावना के साथ खड़ा है और सरकार से अपील करता है कि अब जवाब ज़रूरी है, और वह जवाब कड़ा हो।
आतंक के खिलाफ CGNN की आवाज़
हम पत्रकार हैं, लेकिन हम सबसे पहले भारतवासी हैं। जब देश पर हमला होता है, तो हमारा धर्म है कि हम सिर्फ रिपोर्ट न करें, बल्कि सच्चाई के साथ खड़े हों। पहलगाम में जो हुआ, वह केवल गोली नहीं थी – वह भरोसे और भाईचारे को छलनी करने की साजिश थी।
CGNN दोहराता है – आतंकवाद के खिलाफ भारत को अब सिर्फ़ सुरक्षा नहीं, बल्कि जवाब देना होगा। पाकिस्तान की आतंक नीति को अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर पूरी तरह बेनकाब किया जाए।
“देश शांत नहीं रहेगा, अब आतंक के विरुद्ध निर्णायक संघर्ष ही समाधान है।”





