मणिपुर में जल्द निकलेगा समाधान: सुप्रीम कोर्ट के जजों ने जताई उम्मीद

इंफाल, 24 मार्च 2025 – मणिपुर में जारी जातीय हिंसा के बीच हालात का जायजा लेने के लिए सुप्रीम कोर्ट के छह न्यायाधीशों का एक प्रतिनिधिमंडल हाल ही में राज्य के दौरे पर गया। इस दौरान उन्होंने हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया, राहत शिविरों में रह रहे लोगों से मुलाकात की और शांति बनाए रखने की अपील की। जजों ने उम्मीद जताई कि जल्द ही कोई ठोस समाधान निकलेगा, जिससे राज्य में सामान्य स्थिति बहाल होगी।
राहत शिविरों में लोगों की उम्मीदें बरकरार
22 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस सूर्यकांत, जस्टिस विक्रम नाथ, जस्टिस एमएम सुंदरेश, जस्टिस केवी विश्वनाथन और जस्टिस एन कोटिश्वर सिंह मणिपुर पहुंचे थे। उन्होंने राहत शिविरों में रह रहे लोगों से बातचीत की और उनकी समस्याओं को सुना। जस्टिस गवई ने कहा कि राहत शिविरों में रह रहे लोग अच्छे मूड में हैं और वे जल्द से जल्द सामान्य जीवन में लौटना चाहते हैं।
संविधान पर भरोसा बनाए रखने की अपील
जस्टिस गवई ने कहा कि संविधान का मुख्य उद्देश्य सामाजिक, आर्थिक और राजनीतिक न्याय प्रदान करना है। उन्होंने कहा, “मणिपुर के लोगों को यह नहीं सोचना चाहिए कि वे अकेले हैं। पूरा देश उनके साथ खड़ा है। हमें अपने संविधान पर भरोसा रखना चाहिए और शांति बहाली के लिए प्रयास करते रहना चाहिए।”
राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू
मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के इस्तीफे के बाद मणिपुर में राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया था। केंद्र सरकार लगातार दो जनजातीय समूहों—कुकी और मैतेई—के बीच हिंसा को रोकने के लिए प्रयास कर रही है। सुप्रीम कोर्ट के जजों ने अपने दौरे के दौरान दोनों समुदायों के लोगों से बात की और शांति बनाए रखने का अनुरोध किया।
शांति की ओर बढ़ते कदम
सुप्रीम कोर्ट के जजों के इस दौरे से लोगों में उम्मीद जगी है कि राज्य में जल्द ही स्थायी समाधान निकलेगा। जस्टिस गवई ने इंफाल में मणिपुर हाईकोर्ट की स्थापना की 12वीं वर्षगांठ पर कहा, “हम सभी को मिलकर इस संघर्ष को समाप्त करना होगा और राज्य में स्थायी शांति लाने के लिए काम करना होगा।”





