रायपुर:वाणिज्य एवं उद्योग और श्रम विभाग के लिए अनुदान मांगें पारित, नई औद्योगिक नीति से छत्तीसगढ़ को 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव

रायपुर:छत्तीसगढ़ विधानसभा में आज वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री लखनलाल देवांगन के विभागों के लिए वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए 965 करोड़ 18 लाख रुपये की अनुदान मांगें पारित की गईं। इसमें वाणिज्य एवं उद्योग विभाग के लिए 709 करोड़ 87 लाख रुपये और श्रम विभाग के लिए 255 करोड़ 31 लाख 9 हजार रुपये शामिल हैं।

वाणिज्य एवं उद्योग विभाग की अनुदान मांगों पर चर्चा करते हुए मंत्री श्री देवांगन ने बताया कि राज्य सरकार ने 1 नवंबर 2024 से औद्योगिक विकास नीति 2024-30 लागू की है, जिसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ को “अमृत काल” के रूप में विकसित करना है। उन्होंने कहा कि यह नीति राज्य में रोजगार सृजन को प्राथमिकता देती है, विशेष रूप से उन उद्योगों को प्रोत्साहित किया जा रहा है जो अधिकतम रोजगार प्रदान करेंगे। इसके तहत, 1000 से अधिक रोजगार सृजित करने वाली इकाइयों को विशेष प्रोत्साहन दिया जाएगा।

वहीं, राज्य में निवेश को आकर्षित करने के लिए विभिन्न सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं, जिनमें ब्याज अनुदान, स्थायी पूंजी निवेश अनुदान और अन्य छूट शामिल हैं। मंत्री ने बताया कि राज्य को अब तक औद्योगिक नीति के तहत 1 लाख करोड़ रुपये से अधिक के कुल 31 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं।

इसी बीच, श्रम विभाग के लिए भी वित्तीय वर्ष 2025-26 में 255 करोड़ रुपये से अधिक का बजट प्रावधान किया गया। श्रम मंत्री श्री देवांगन ने बताया कि मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की पहल पर “शहीद वीर नारायण सिंह श्रम अन्न योजना” का विस्तार प्रदेश के सभी जिलों में किया जाएगा। वर्तमान में यह योजना 13 जिलों में चल रही है और अगले वर्ष से सभी जिलों में यह योजना लागू की जाएगी।

इस अवसर पर विधायकगण सहित कई प्रमुख अधिकारी उपस्थित थे जिन्होंने विभागीय बजट प्रावधानों पर चर्चा की।

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