मोहाली:पादरी बजिंदर सिंह को उम्रकैद, 2018 रेप केस में मोहाली कोर्ट का फैसला

मोहाली, 01 अप्रैल 2025:पंजाब के चर्चित 2018 रेप केस में मोहाली कोर्ट ने पादरी बजिंदर सिंह को उम्रकैद की सजा सुनाई है। यह मामला करीब सात साल पुराना है, जिसमें एक महिला ने पादरी पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था। मामले की लंबी जांच और कानूनी प्रक्रिया के बाद अदालत ने दोषी ठहराते हुए सजा सुनाई।

बजिंदर सिंह हरियाणा के यमुनानगर के रहने वाले हैं और जालंधर स्थित चर्च ऑफ ग्लोरी एंड विजडम के संस्थापक हैं। वह खुद को यीशु मसीह का दूत बताते हैं और चमत्कारिक इलाज का दावा करते रहे हैं। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि बजिंदर ने मोहाली स्थित अपने घर में उसके साथ रेप किया और इस घटना को रिकॉर्ड कर ब्लैकमेल करने की धमकी दी।

पहले भी विवादों में रहे हैं पादरी

बजिंदर सिंह का नाम पहले भी विवादों में रहा है। कुछ दिनों पहले ही सोशल मीडिया पर उनका एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें वह एक महिला से बहस करते और उसे थप्पड़ मारते नजर आ रहे थे। इस घटना के बाद भी पुलिस ने उनके खिलाफ मारपीट और अन्य आरोपों में मामला दर्ज किया था।

पादरी का अतीत और धर्म परिवर्तन

बजिंदर सिंह का जन्म हरियाणा के यमुनानगर में एक जाट परिवार में हुआ था। बताया जाता है कि वे हत्या के एक मामले में जेल जा चुके हैं, जहां उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया था। जेल से छूटने के बाद उन्होंने चर्च स्थापित किया और खुद को एक आध्यात्मिक गुरु बताने लगे।

अदालत का फैसला और कानूनी प्रक्रिया

अदालत ने इस मामले में गवाहों और सबूतों के आधार पर बजिंदर सिंह को दोषी करार दिया। कोर्ट ने कहा कि एक आध्यात्मिक गुरु होने के नाते उनके अनुयायियों का उन पर विश्वास था, लेकिन उन्होंने इस विश्वास का दुरुपयोग किया। कोर्ट ने इसे गंभीर अपराध मानते हुए उम्रकैद की सजा सुनाई।

इस फैसले के बाद पीड़िता और उसके परिवार ने संतोष जताया है। वहीं, इस मामले पर कई धार्मिक संगठनों और अन्य लोगों की भी प्रतिक्रियाएं आ रही हैं।

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