पंजाब के एडवोकेट जनरल गुरमिंदर सिंह गैरी ने दिया इस्तीफा

पंजाब के एडवोकेट जनरल (AG) गुरमिंदर सिंह गैरी ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने यह फैसला अपने कार्यकाल के 18 महीने पूरे होने के बाद लिया। उनका कार्यकाल 31 मार्च तक था, लेकिन उन्होंने समय से पहले ही इस्तीफा देकर सबको चौंका दिया। इससे पहले, इस पद पर विनोद घई नियुक्त थे, जिन्होंने भी व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दिया था।
तीन एडवोकेट जनरल पहले ही हो चुके हैं पद से बाहर
यह पहली बार है कि पंजाब की एक ही सरकार में चार एडवोकेट जनरल बदले जा चुके हैं। मार्च 2022 में जब आम आदमी पार्टी की सरकार बनी, तब डीएस पटवालिया एडवोकेट जनरल थे। लेकिन सरकार बनने के दो दिन के अंदर ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया। इसके बाद अनमोल रतन सिद्धू को यह जिम्मेदारी सौंपी गई, लेकिन उन्होंने भी सिर्फ चार महीने बाद, 30 जुलाई 2022 को पद छोड़ दिया। फिर विनोद घई को एजी बनाया गया, लेकिन उन्होंने भी 5 अक्टूबर 2023 को इस्तीफा दे दिया। 6 अक्टूबर 2023 को गुरमिंदर सिंह गैरी को इस पद पर नियुक्त किया गया था, लेकिन अब उन्होंने भी इस्तीफा दे दिया है।
कौन हैं गुरमिंदर सिंह गैरी?
गुरमिंदर सिंह गैरी ने चंडीगढ़ की पंजाब यूनिवर्सिटी से लॉ की पढ़ाई की है। 1989 में उन्होंने वकालत की प्रैक्टिस शुरू की और 2014 में उन्हें वरिष्ठ वकील के रूप में नामित किया गया। उन्होंने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया, डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया, यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन, पंजाब विधानसभा और राज्य के अन्य बोर्डों के लिए स्थायी वकील के रूप में भी काम किया है। वह सेवा मुकदमेबाजी, संवैधानिक और आपराधिक मामलों के विशेषज्ञ माने जाते हैं। उन्होंने चंडीगढ़, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के साथ-साथ सुप्रीम कोर्ट में भी कई मामले लड़े हैं।
सरकार के लिए बढ़ी चिंता
एडवोकेट जनरल का बार-बार बदला जाना सरकार के लिए एक गंभीर विषय बन चुका है। विपक्ष लगातार सरकार की आलोचना कर रहा है और इसे अस्थिरता का संकेत बता रहा है।
अब देखना होगा कि अगला एडवोकेट जनरल कौन होगा और वह इस पद पर कितने समय तक टिक पाते हैं।