कंपैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित हुईं राष्ट्रपति मुर्मू, बोलीं- ये सम्मान गहरे रिश्ते का प्रतीक
फिजी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंगलवार को फिजी संसद को संबोधित किया। यहां राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को फिजी के राष्ट्रपति रातू विलियामे मैवलीली कटोनिवेरे ने कंपैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित किया। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि अपनी पहली फिजी यात्रा के दौरान मैनें फिजी के राष्ट्रपति और फिजी के प्रधानमंत्री के साथ सकारात्मक चर्चा की। कंपैनियन ऑफ द ऑर्डर ऑफ फिजी से सम्मानित करने के लिए मैं फिजी सरकार की आभारी हूं। यह सम्मान भारत और फिजी के बीच मजबूत और गहरे रिश्ते का प्रतीक है।
उन्होंने कहा कि मैं फिजी के लोगों की गर्मजोशी और स्नेह से प्रभावित हूं। फिजी से भारत को 145 साल पुराना विशेष और स्थायी संबंध है। यहां प्रवासी भारतीयों से मिलना मेरे लिए गर्व की बात है। प्रवासी भारतीयों ने फिजी में अपनी भारतीय संस्कृति को संजोया हुआ है।
भारत के विदेश सचिव (पूर्व) जयदीप मजूमदार ने बताया कि राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सुबह सुवा में उतरीं। जहां उनको फिजी सैन्य पुलिस ने गार्ड ऑफ ऑनर दिया। इसके बाद फिजी के प्रधानमंत्री ने पारंपरिक स्वागत किया। हवाई अड्डे से रास्ते में सैकड़ों स्कूली बच्चों को कतार में खड़े होकर राष्ट्रपति का अभिवादन किया। उन्होंने फिजी के राष्ट्रपति से मुलाकात की। इसके अलावा स्टेट हाउस की सौरीकरण परियोजना को देखा। जिसे भारत ने बनाया है। मजूमदार ने कहा कि फिजी के प्रधानमंत्री ने भी राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की। उन्होंने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने के लिए आपसी विश्वास और मजबूत प्रतिबद्धता जताई।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रविवार को फिजी, न्यूजीलैंड और तिमोर-लेस्ते की छह दिवसीय यात्रा पर रवाना हुईं हैं। मुर्मू फिजी के राष्ट्रपति विलियम मैवालिली कैटोनीवरे के निमंत्रण पर 5-7 अगस्त तक फिजी की यात्रा पर हैं। इसके बाद मुर्मू द्वीपीय देश के गवर्नर जनरल सिंडी कीरो के निमंत्रण पर 8 और 9 अगस्त को न्यूजीलैंड की राजकीय यात्रा पर रहेंगी। यह आठ वर्षों के बाद भारत के किसी राष्ट्रपति की पहली न्यूजीलैंड यात्रा होगी।