देश में औरंगजेब पर राजनीतिक विवाद, महाराष्ट्र में हिंसा, छत्तीसगढ़ में क्या बोले अरुण साव

देश में इन दिनों औरंगजेब को लेकर एक बड़ा राजनीतिक विवाद छिड़ा हुआ है, और महाराष्ट्र में तो यह विवाद हिंसक झड़पों तक पहुंच चुका है। दरअसल, महाराष्ट्र के संभाजी नगर में लोग औरंगजेब की कब्र पर जाकर दुआएं करते हैं, लेकिन उस कब को हटाने की मांग की जा रही है जिस पर अब छत्तीसगढ़ के उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी है।
अरुण साव ने औरंगजेब पर छिड़ी इस बहस को लेकर कहा है कि हिंदुओं पर अत्याचार करने वाले क्रूर औरंगजेब पर सहानुभूति नहीं रखनी चाहिए। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया जानती है कि औरंगजेब एक आक्रांता था और उसने भारतीयों और विशेष रूप से हिंदुओं पर जो जुल्म किए, वह इतिहास में दर्ज हैं।

नागपुर में क्यो हुई हिंसा

नागपुर हिंसा के पीछे की असली वजह अफ़वाहें थीं। संभाजी नगर में मुग़ल बादशाह औरंगज़ेब की कब्र को हटाने की मांग करने वाले एक दक्षिणपंथी समूह द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया था। इस विरोध प्रदर्शन के दौरान कुरान को जला देने की अफवाह फैल गई। यह विरोध प्रदर्शन विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल जैसे समूहों द्वारा आयोजित किया गया था, जिन्होंने कथित तौर पर ‘कलमा’ लिखा कपड़ा जला दिया था। वे औरंगजेब के मकबरे को हटाने की मांग कर रहे थे। इससे मुस्लिम समूहों में व्यापक आक्रोश फैल गया। अफवाह के बाद मध्य नागपुर में सोमवार को तनाव हो गया। इस दौरान पुलिस पर पथराव किया गया। हिंसा में चार लोग घायल हो गए।

फिल्म और बयान की वजह से बवाल
हाल ही में आई बॉलीवुड फिल्म छावा में औरंगजेब के कैरेक्टर को दिखाए जाने के बाद लोगों ने औरंगजेब के बारे में निगेटिव कमेंट सोशल मीडिया पर किए। इस माहौल में नेता भी कूद पड़े। सपा विधायक अबू आजमी ने औरंगजेब को लेकर कहा- हमें गलत इतिहास दिखाया जा रहा है। औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए। मैं उसे क्रूर शासक नहीं मानता। अबू आजमी के बयान पर शिवसेना के लोकसभा सांसद नरेश म्हस्के ने उनके खिलाफ ठाणे (महाराष्ट्र) में FIR दर्ज करवाई।

इस बयान के बाद अब यह देखना होगा कि इस पर आगे और क्या प्रतिक्रियाएं सामने आती हैं।

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