छत्तीसगढ़ में शिक्षा पर चर्चा कार्यक्रम का आयोजन, क्वालिटी एजुकेशन को लेकर रखे गए सुझाव

छत्तीसगढ़ में शिक्षा व्यवस्था को और अधिक मजबूत व समावेशी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल की गई। शनिवार को स्वर्गीय लकी राम ऑडिटोरियम में ‘शिक्षा पर चर्चा’ विषय पर एक विचार-विमर्श कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इस विशेष आयोजन में सूर्यवंशी समाज से जुड़े वरिष्ठ जनों, शिक्षाविदों और युवाओं ने हिस्सा लिया और ‘नए विश्वविद्यालय की अवधारणा’ को लेकर अपने विचार साझा किए।
शिक्षा में क्वालिटी पर ज़ोर
कार्यक्रम में वक्ताओं ने स्पष्ट किया कि उनका उद्देश्य सिर्फ स्कूल, कॉलेज या विश्वविद्यालय खोलना नहीं है, बल्कि शिक्षा की गुणवत्ता (Quality Education) को प्राथमिकता देना है। विचार-विमर्श में इस बात पर जोर दिया गया कि आज की बदलती दुनिया में शिक्षा सिर्फ किताबी ज्ञान तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि विद्यार्थियों को आत्मनिर्भर और व्यवहारिक रूप से सक्षम बनाना जरूरी है।
सुझावों को सरकार से साझा किया जाएगा
इस आयोजन के माध्यम से समाज के लोगों ने यह प्रयास किया कि आने वाले समय में शिक्षा को और बेहतर बनाने के लिए शासन को व्यावहारिक सुझाव दिए जाएं। समाज के वरिष्ठों से लेकर युवाओं तक, सभी ने यह कहा कि अगर शिक्षा में बदलाव लाना है तो इसके लिए सभी वर्गों को साथ लेकर चलना होगा।
कार्यक्रम आयोजकों के अनुसार, इस विमर्श में जुटाए गए विचार और सुझावों को शासन-प्रशासन से साझा किया जाएगा, ताकि भविष्य की नीतियों में इनका समावेश किया जा सके।
बड़ी संख्या में लोग हुए शामिल
इस संवाद कार्यक्रम में सूर्यवंशी समाज के विभिन्न जिलों से लोग शामिल हुए। वक्ताओं ने कहा कि “शिक्षा केवल डिग्री का माध्यम नहीं, बल्कि सामाजिक विकास और जागरूकता का सबसे सशक्त उपकरण है।”
भविष्य की दिशा तय करने का प्रयास
कार्यक्रम में इस बात पर भी चर्चा हुई कि आने वाले वर्षों में छत्तीसगढ़ जैसे राज्यों में शिक्षा को किस तरह नवाचार, तकनीक और सामाजिक समावेश के साथ आगे ले जाया जा सकता है। युवाओं ने भी उत्साहपूर्वक भाग लेते हुए अपनी तकनीकी और रोजगार आधारित शिक्षा के अनुभव साझा किए।





