मध्य प्रदेश में ऑनलाइन हाजिरी में गड़बड़ी, तीन महीने से अतिथि शिक्षकों का मानदेय अटका

मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में अतिथि शिक्षकों को ऑनलाइन हाजिरी में तकनीकी समस्याओं के कारण पिछले तीन महीनों से मानदेय का भुगतान नहीं हो पा रहा है। स्कूल शिक्षा विभाग ने ऑनलाइन उपस्थिति को अनिवार्य कर रखा है और इसके आधार पर ही माह का बिल जनरेट होता है, लेकिन नेटवर्क और तकनीकी खामियों के चलते कई शिक्षकों की हाजिरी पोर्टल पर दर्ज नहीं हो पा रही है।
अतिथि शिक्षक बताते हैं कि वे समय पर स्कूल में उपस्थित तो हैं, उपस्थिति पंजी में हस्ताक्षर भी किए गए हैं, लेकिन ऑनलाइन सिस्टम में गड़बड़ी की वजह से उनका वेतन अटका हुआ है। इससे उनकी आर्थिक स्थिति पर भी असर पड़ा है और दीपावली जैसे त्योहारी मौसम में उन्हें विशेष परेशानी हो रही है।
शासकीय शिक्षक संगठन के कार्यकारी अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने स्कूल शिक्षा विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से मुलाकात कर अतिथि शिक्षकों के लंबित वेतन की भुगतान करने की मांग की है। उनका कहना है कि पिछले तीन महीनों का मानदेय उपस्थिति पंजी के आधार पर भुगतान किया जाए, ताकि शिक्षक अपने परिवार के साथ त्योहार मना सकें और आर्थिक परेशानियों से राहत पा सकें।
मध्य प्रदेश में करीब 80 फीसदी अतिथि शिक्षक नियमित रूप से ऑनलाइन हाजिरी लगा रहे हैं, बावजूद इसके तकनीकी खामियों के कारण भुगतान में बाधा आ रही है। विभाग ने कहा है कि सिस्टम की समस्याओं को जल्द सुधारने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन फिलहाल लंबित वेतन शिक्षकों के लिए चिंता का विषय बना हुआ है।
शिक्षक संगठन ने यह भी चेतावनी दी है कि यदि शीघ्र भुगतान नहीं किया गया, तो वे प्रशासन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए अन्य उपायों का सहारा ले सकते हैं। इससे यह स्पष्ट होता है कि ऑनलाइन हाजिरी प्रणाली में सुधार और शिक्षकों के समय पर वेतन भुगतान की व्यवस्था दोनों ही जरूरी हैं।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य शिक्षा देने का है, लेकिन वेतन न मिलने की स्थिति में उनकी मेहनत और सेवा का मूल्यांकन प्रभावित हो रहा है। इससे शिक्षा व्यवस्था और शिक्षक-शिक्षकाओं के बीच विश्वास की भी चुनौती पैदा हो रही है। विभाग से उम्मीद है कि तकनीकी खामियों को जल्द दूर कर लंबित मानदेय का भुगतान शीघ्र किया जाएगा।





