ओरफिश मछली फिर दिखी – क्या तबाही का संकेत?

ओरफिश मछली
क्या दुनिया एक बड़े संकट की ओर बढ़ रही है? क्या हाल की घटनाएं महज़ संयोग हैं? या इनका आपस में कोई गहरा संबंध है? दुनियाभर में घटनाएं हुई हैं, जिन्होंने लोगों को चिंता में डाल दिया है।

रूस और यूक्रेन के बीच जारी तीन साल पुराना युद्ध अब भी थमा नहीं है। भारत पाकिस्तान के बीच युद्ध के हालात बने, श्रीलंका बांग्लादेश में सियासी ने अस्थिरता बढ़ाई। दुनियभर कहीं कई भूकंप आये,कहीं बाढ़ आई, कहीं जंगल जले, तो कही आतंकवादी घटनाओं ने अराजकता जगाई।

इसी बीच इज़रायल और ईरान के बीच टकराव शुरू हो गया है। साथ ही भारत में हाल ही में एयर इंडिया का एक विमान हादसे का शिकार हो गया और उत्तराखंड में केदारनाथ के पास हेलिकॉप्टर क्रैश की खबर भी सामने आई।

इन सभी घटनाओं के बीच एक और बात ने लोगों का ध्यान खींचा — वो है समुद्र की एक मछली, जिसे ‘ओरफिश’ या ‘रिबनफिश’ कहा जाता है। तमिलनाडु और ऑस्ट्रेलिया में हाल ही में ये मछली समुद्र के किनारे देखी गई।

ओरफिश को लेकर लोककथाओं में कहा जाता है कि ये मछली जब समुद्र की सतह पर आती है, तो किसी बड़ी प्राकृतिक आपदा का संकेत देती है। जापान में 2011 में आई भूकंप और सुनामी से पहले भी ये मछली देखी गई थी। इस ओरफिश को लेकर जापान में कई मान्यताएं हैं। इस रहस्यमय मछली के दिखाई देने से एक बार फिर कयास लगाए जा रहे हैं कि इसका दिखाई देना कोई बड़ी प्राकृतिक आपदा आ सकती है।

हिंदू धर्म में प्रलय की मछली को लेकर मान्यता है। मनुस्मृति के अनुसार, मनु पहले ऐसे मनुष्य था जिसने मानव जाति को दिशा दी थी। मनु ने ही अपने अनुयायियों के साथ मिलकर पहली बार समाज के नियम बनाए थे। मनु गाथा में भयंकर महाप्रलय की है। यह ऐसा प्रलय था जब समस्या जीवन नष्ट हो गया था। पुराणों में वर्णन है कि एक दिन मनु अपने तपस्वी जीवन में व्यस्त थे। तभी उसे एक विशाल मछली ने चेतावनी दी कि बहुत जल्द एक विनाशकारी बाढ़ आ सकती है। प्रलय आने से पहले भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार लिया और मनु से कहा कि एक विशेष नाव का निर्माण करें । इसके बाद जब बाढ़ आई तो भगवान विष्णु ने मत्स्य अवतार में उस नाव को सींग से पकड़ लिया और मनु को समुद्र के बीचो बीच सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। जब यह बाढ़ आई तो पूरी पृथ्वी नष्ट हो गई थी। इसके बाद मनु ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर एक नए युग की शुरुआत की थी।

हालांकि वैज्ञानिक समुदाय इस धारणा से सहमत नहीं है। वैज्ञानिकों का कहना है कि ओरफिश गहरे समुद्र में रहने वाली मछली है, और जब ये बीमार होती है या रास्ता भटक जाती है, तब सतह पर आ जाती है।”

2019 में किए गए एक अध्ययन में ओरफिश और भूकंप के बीच कोई सीधा संबंध नहीं पाया गया था। वैज्ञानिक इसे प्राकृतिक जीवन चक्र का हिस्सा मानते हैं, न कि किसी आपदा की चेतावनी।

दुनिया में हो रही उथल-पुथल, युद्ध और हादसों के बीच इस तरह की घटनाएं कई बार अनजाने डर को जन्म देती हैं। लेकिन जरूरी है कि हम तथ्यों के आधार पर सोचें और सतर्क रहें, न कि अफवाहों या अंधविश्वास के आधार पर।”

हालांकि दुनिया कई संकटों से जूझ रही है, लेकिन इन घटनाओं को एक-दूसरे से जोड़कर देखना फिलहाल एक अनुमान मात्र है। जब तक ठोस वैज्ञानिक प्रमाण ना हों, तब तक अफवाहों से बचना ही समझदारी है।

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