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नक्सली भर्ती मामले में दिल्ली-UP समेत 4 राज्यों में NIA की छापेमारी, पंजाब में विरोध-प्रदर्शन

नई दिल्ली: राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने शुक्रवार को प्रतिबंधित संगठन के नेताओं से जुड़े नक्सली भर्ती मामले के सिलसिले में चार राज्यों में छापेमारी की. एजेंसी ने बताया कि जिन चार राज्यों में छापेमारी की गई है, उनमें पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और दिल्ली शामिल हैं.

जानकारी के मुताबिक एजेंसी ने पंजाब को रामपुरा फूल में बीकेयू की महिला किसान नेता सुखविंदर कौर अरंडी के घर छापेमारी की है. इस बीच किसान नेताओं ने इसका विरोध प्रदर्शन किया और पुलिस की गाड़ी के आगे धरना दे रहे हैं.

किसान नेता ने कहा कि हमने अधिकारियों से बार-बार अनुरोध किया कि घर में बुजुर्ग महिला है, इसलिए एनआईए की टीम पुलिस या किसान नेताओं की मौजूदगी में ही कार्रवाई करे. उनका कहना है कि एजेंसी जब तक छापेमारी का कारण नहीं बताया देती, तब तक टीम उसका कड़ा विरोध किया जाएगा.

इससे पहले एनआईए की जांच में पता चला कि कई फ्रंटल संगठनों और छात्र विंग को भारत सरकार के खिलाफ युद्ध छेड़ने के उद्देश्य से नक्सली विचारधारा का प्रचार करने के साथ-साथ कैडर को प्रेरित करने और भर्ती करने का काम सौंपा गया है.

आतंकवादी और हिंसा की साजिश

एनआईए के अनुसार आरोपियों ने इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंकवादी और हिंसा के कृत्यों को अंजाम देने की साजिश रची. पिछले साल 6 सितंबर को एनआईए ने उत्तर प्रदेश भर में छापेमारी करके प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन को पुनर्जीवित करने के नक्सल नेताओं और सीपीआई (माओवादी) के कैडरों के प्रयासों पर भी नकेल कसी थी.

डिजिटल डिवाइस जब्त

उत्तर प्रदेश के प्रयागराज, चंदौली, वाराणसी, देवरिया और आजमगढ़ जिलों में आठ स्थानों पर आरोपियों और संदिग्धों के ठिकानों पर छापे मारे गए. इस दौरान मोबाइल फोन, लैपटॉप, पेन ड्राइव, कॉम्पैक्ट डिस्क और मेमोरी कार्ड सहित कई डिजिटल डिवाइस जब्त किए गए, साथ ही सिम कार्ड, नक्सल साहित्य, किताबें, पर्चे, पॉकेट डायरी, मनी रसीद बुक और अन्य आपत्तिजनक दस्तावेज भी जब्त किए गए.

जांच से पता चला कि आरोपी इस एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए आतंकी और हिंसा की वारदातों को अंजाम देने की साजिश रच रहे थे. इतना ही नहीं प्रमोद मिश्रा आतंकी संगठन को फिर से खड़ा करने के प्रयासों में सीपीआई (माओवादी) के कैडरों, समर्थकों और ग्राउंड वर्कर्स का नेतृत्व कर रहा था.

इससे पहले अगस्त 2023 में बिहार पुलिस ने रितेश विद्यार्थी के भाई रोहित विद्यार्थी को गिरफ्तार किया था, जिसकी पत्नी का नाम मामले से संबंधित एफआईआर में है. रोहित से पूछताछ के बाद राज्य पुलिस ने सीसीआई (माओवादी) के उत्तरी क्षेत्रीय ब्यूरो (एनआरबी) के प्रभारी और सीसी सदस्य प्रमोद मिश्रा को गिरफ्तार किया. इन गिरफ्तारियों के बाद, राज्य पुलिस ने हथियार, गोला-बारूद और एक बंदूक कारखाने को जब्त किया, जहां बिहार और उत्तर प्रदेश में हथियारों के पुर्जे बनाने और देशी आग्नेयास्त्रों को इकट्ठा करने के लिए एक खराद स्थापित किया गया था.

मामले के संबंध में एनआईए द्वारा पहले दर्ज की गई एफआईआर में आरोपी मनीष आजाद और रितेश विद्यार्थी के साथ-साथ उनके सहयोगियों विश्वविजय, विश्वविजय की पत्नी सीमा आजाद, मनीष आजाद की पत्नी अमिता शिरीन, कृपा शंकर, रितेश विद्यार्थी की पत्नी सोनी आजाद, आकांक्षा आजाद और राजेश आजाद को सीपीआई (माओवादी) के पुनरुद्धार प्रयासों को आगे बढ़ाने के लिए काम करने वाले प्रमुख व्यक्तियों के रूप में नामित किया गया था.

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