Memorandum: .शिवसेना ने शहर की ज्वलंत समस्याओं के निराकरण की मांग की..
Memorandum: कलेक्टर को सौंपा गया ज्ञापन

छत्तीसगढ़ शिवसेना के पदाधिकारियों ने मंगलवार को बिलासपुर कलेक्टर को शहर की प्रमुख समस्याओं के समाधान के लिए ज्ञापन सौंपा। (Memorandum) संगठन ने शहर की बदहाल स्थिति, भ्रष्टाचार, दुकानदारों के शोषण और निर्माण कार्यों में हो रही अनियमितताओं को तुरंत रोकने की मांग की है। शिवसेना पदाधिकारियों ने बताया कि बिलासपुर शहर के ज्यादातर मार्ग अत्यंत जर्जर हालत में हैं, जिसके चलते नागरिकों को आवागमन में परेशानी के साथ ही धूल, धुआं और बदहाली का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि खराब सड़कों की वजह से लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।
शिवसेना ने सुविधाओं को तत्काल उपलब्ध कराने की अपील की है।
शिवसेना ने मांग की है कि शहर के सभी जर्जर सड़कों का तत्काल मरम्मत और निर्माण कराया जाए। (Memorandum) पदाधिकारियों ने नगर निगम परिसीमन क्षेत्र की वर्षों पुरानी समस्याओं को भी प्रमुखता से उठाया। उनका कहना है कि पिछले 7–8 वर्षों से निगम सीमा में शामिल कई क्षेत्रों के लोग अब भी रोड, नाली, बिजली और पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं से वंचित हैं, जबकि नगर निगम द्वारा नियमित टैक्स वसूला जाता है। शिवसेना ने इन सभी सुविधाओं को तत्काल उपलब्ध कराने की अपील की है।
मामा-भांजा तालाब वर्षों से उपेक्षित है, Memorandum
मामा-भांजा तालाब सहित अन्य तालाबों के सौंदर्यीकरण की मांग भी ज्ञापन में की गई है। प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि शहर के बीच स्थित ऐतिहासिक मामा-भांजा तालाब वर्षों से उपेक्षित है, जबकि इसे बंधवा तालाब की तर्ज पर आकर्षक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है। निर्माण कार्यों में अनियमितताओं को लेकर भी शिवसेना ने कड़ी नाराजगी जताई। उन्होंने कहा कि कई क्षेत्रों में नाली और डिवाइडर निर्माण में घटिया सामग्री का उपयोग किया जा रहा है। 8–10 एमएम के पतले रॉड, बड़ी गैपिंग और रेत अधिक–सीमेंट कम डालकर गुणवत्ताहीन कार्य किया जा रहा है।
अधिकारियों द्वारा 2000 रुपये तक की मांग भी की जाती है
ऐसे दोषी ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर उन्हें ब्लैकलिस्ट करने की मांग की गई।इसके अलावा शहर में छोटे दुकानदारों और ठेला व्यवसायियों से की जा रही कथित मनमानी वसूली का मुद्दा भी उठाया गया। प्रतिनिधिमंडल के अनुसार बिना सूचना दिए दुकानों के सामने रखा सामान जप्त किया जा रहा है और कुछ अधिकारियों द्वारा 2000 रुपये तक की मांग भी की जाती है, जिससे छोटे व्यापारी आर्थिक नुकसान झेल रहे हैं। शिवसेना ने कलेक्टर से सभी बिंदुओं पर जांच कर शीघ्र कार्रवाई की मांग की है।





