किसानों और केंद्र सरकार के बीच बैठक बेनतीजा, MSP की कानूनी गारंटी पर चर्चा जारी

चंडीगढ़। बुधवार को चंडीगढ़ के महात्मा गांधी लोक प्रशासन संस्थान में किसानों के संगठनों और केंद्र सरकार के मंत्रियों के बीच करीब 4 घंटे लंबी बैठक हुई। बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, उपभोक्ता मामलों के मंत्री प्रह्लाद जोशी और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल शामिल हुए। बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा (गैर-राजनीतिक) और किसान मजदूर मोर्चा का 28 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल भी मौजूद था।
बैठक में किसानों की प्रमुख मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की कानूनी गारंटी पर चर्चा की गई। पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि केंद्र सरकार ने किसानों को भरोसा दिलाया है कि MSP लागू करने की प्रक्रिया पर बातचीत को आगे बढ़ाने से पहले सभी संबंधित पक्षों – उपभोक्ताओं, व्यापारियों, आढ़तियों और अन्य वर्गों से भी राय ली जाएगी।
अगली बैठक 4 मई को होगी
बैठक के बाद केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि बातचीत बेहद सौहार्दपूर्ण तरीके से हुई है और किसानों के साथ चर्चा जारी रहेगी। अब अगली बैठक 4 मई को चंडीगढ़ में ही होगी। वहीं, पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने भी इस बात की पुष्टि की।
बैठक में शामिल होने के लिए अनशन पर बैठे किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल भी एंबुलेंस से पहुंचे। यह दिखाता है कि किसानों की मांगों को लेकर उनकी प्रतिबद्धता कितनी मजबूत है।
किसानों ने खन्नौरी और शंभू बॉर्डर पर पुलिस की तैनाती को लेकर भी सवाल उठाया। इस पर पंजाब के वित्त मंत्री ने कहा कि अब तक किसानों पर किसी भी तरह के पुलिस एक्शन की कोई तैयारी नहीं है।
किसानों की मांग – MSP की कानूनी गारंटी
किसान संगठन लगातार MSP की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि MSP की कानूनी गारंटी को हर साल 25-30 हजार करोड़ रुपये के अनुमानित खर्च के साथ लागू किया जा सकता है। इससे पहले 22 फरवरी और 14 फरवरी को भी केंद्र सरकार और किसानों के बीच बैठकों का आयोजन किया गया था, लेकिन कोई ठोस नतीजा नहीं निकल सका।
केंद्र सरकार ने किसानों से उनके दावों के समर्थन में डेटा देने की मांग की है, ताकि विशेषज्ञों के साथ चर्चा कर इस मुद्दे का हल निकाला जा सके। अब देखना होगा कि 4 मई को होने वाली अगली बैठक में क्या कोई सहमति बन पाती है या नहीं।