रायपुर में महिला मड़ई को मिला जबरदस्त रिस्पॉन्स, 87 स्टॉलों पर महिला समूहों ने बेचे उत्पाद

रायपुर के साइंस कॉलेज मैदान में आयोजित महिला मड़ई को लोगों का शानदार प्रतिसाद मिल रहा है। “सशक्त महिला, समृद्ध महिला” थीम पर आधारित इस मड़ई में छत्तीसगढ़ के सभी 33 जिलों से 87 महिला स्व-सहायता समूहों ने अपने उत्पादों के स्टॉल लगाए हैं।
क्या खास है महिला मड़ई में?
4 मार्च से शुरू हुए इस मेले में अलग-अलग जिलों से आईं महिलाओं ने अपने हस्तशिल्प, खाद्य सामग्री और हस्तनिर्मित उत्पादों का प्रदर्शन किया है। यहां मिलने वाले प्रमुख उत्पादों में रायगढ़ का बेलमेटल, सूरजपुर का गुड़, बस्तर का बेल मेटल, जांजगीर-चांपा और सक्ती की कोसा सिल्क साड़ियां, गरियाबंद की पैरा आर्ट, जशपुर की टोकरियां, महुआ से बने उत्पाद, बिलासपुर के श्रृंगार वस्त्र, बलरामपुर और सूरजपुर का सुगंधित चावल शामिल हैं।
इन स्टॉलों पर खासतौर पर महिलाओं की भारी भीड़ देखने को मिल रही है। आयोजकों के अनुसार, अब तक 50,000 रुपये से अधिक के सामानों की बिक्री हो चुकी है, और 8 मार्च (महिला दिवस) तक बिक्री और बढ़ने की संभावना है।
मड़ई में क्या-क्या है खास?
1. 87 स्टॉलों का अवलोकन दोपहर 12 बजे से रात 10 बजे तक किया जा सकता है।
2. सेल्फी ज़ोन और प्ले ज़ोन विशेष आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं, जहां बच्चों के लिए झूले और खेल-खिलौनों की व्यवस्था की गई है।
3. महिला व बाल विकास विभाग के स्टॉलों में नवा बिहान, महतारी वंदन, वुमन हेल्पलाइन, चाइल्ड हेल्पलाइन, कन्या विवाह, दत्तक ग्रहण और आदर्श आंगनबाड़ी केंद्र की जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है।
4. सांस्कृतिक संध्या में छत्तीसगढ़ी लोक कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिल रहा है।
महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की पहल
इस महिला मड़ई में एनआरएलएम, वन विभाग, पंचायत विभाग और अन्य सरकारी विभागों द्वारा महिला स्व-सहायता समूहों को निःशुल्क स्टॉल उपलब्ध कराए गए हैं। साथ ही, स्थानीय महिला उद्यमियों, उत्पादकों और स्टार्टअप्स को भी अपने उत्पाद बेचने का मौका दिया जा रहा है।
महिला मड़ई सिर्फ एक बाजार नहीं, बल्कि महिलाओं को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल बन चुकी है।