करणी सेना का उग्र प्रदर्शन: सपा सांसद के घर पर हमला, कई बार कर चुकी है विवादित विरोध

आगरा। करणी सेना अपने आक्रामक विरोध प्रदर्शनों के लिए जानी जाती है। इस बार उसने सपा सांसद रामजी लाल सुमन के आगरा स्थित घर पर हमला कर दिया। दरअसल, सांसद रामजी लाल ने राणा सांगा को गद्दार कहा था, जिससे करणी सेना के कार्यकर्ता भड़क गए। पहले देशभर में सपा और सांसद के खिलाफ प्रदर्शन हुए और बुधवार को गुस्साए प्रदर्शनकारी बुलडोजर लेकर उनके घर पहुंच गए। इस दौरान पुलिस से झड़प भी हुई, जिसमें कई पुलिसकर्मी घायल हो गए।
पहले भी कर चुकी है विवादित प्रदर्शन
करणी सेना का इतिहास फिल्मों, वेब सीरीज और राजनीतिक मुद्दों पर उग्र विरोध प्रदर्शन करने का रहा है।
1. पद्मावती (2018): संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावती (बाद में पद्मावत) का करणी सेना ने कड़ा विरोध किया था। जयपुर में शूटिंग के दौरान करणी सेना के कार्यकर्ताओं ने हमला कर दिया और संजय लीला भंसाली से मारपीट की थी। उनका आरोप था कि फिल्म में रानी पद्मावती का गलत चित्रण किया गया है।
2. जोधा अकबर (2008): इस फिल्म का भी करणी सेना ने विरोध किया था। उनका कहना था कि इसमें इतिहास से छेड़छाड़ की गई है।
3. आश्रम वेब सीरीज: प्रकाश झा की वेब सीरीज “आश्रम” को लेकर भी करणी सेना ने विरोध किया था। उनका कहना था कि इसमें हिंदू धर्म और आश्रम परंपरा को गलत तरीके से दिखाया गया है।
4. पुष्पा-2: करणी सेना ने फिल्म पुष्पा-2 में “शेखावत” शब्द के इस्तेमाल पर नाराजगी जताई थी। उसने फिल्म निर्माता सुकुमार को मारने और पीटने की धमकी दी थी।
लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ भी खुला मोर्चा
करणी सेना गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खिलाफ भी मोर्चा खोल चुकी है। उसने बिश्नोई का एनकाउंटर करने वाले पुलिसकर्मी को 1 करोड़ रुपये से ज्यादा इनाम देने की घोषणा की थी। दरअसल, करणी सेना के अध्यक्ष सुखदेव सिंह गोगामड़ी की हत्या बिश्नोई गैंग ने की थी। इसके बाद से ही करणी सेना बिश्नोई से बदला लेना चाहती है।
करणी सेना की शुरुआत
करणी सेना राजपूतों के हक में आवाज उठाने वाला संगठन है, जिसका मुख्यालय राजस्थान में है। इसकी स्थापना 2005 में लोकेंद्र सिंह कालवी ने की थी। वर्तमान में महिपाल मकराना और विश्वबंधु सिंह राठौड़ इसका नेतृत्व कर रहे हैं। करणी सेना का नाम करणी माता के नाम पर रखा गया है।
करणी सेना हर साल किसी न किसी मुद्दे पर विवादों में घिरी रहती है। चाहे वो फिल्मों का विरोध हो, राजनीतिक बयानबाजी हो या फिर गैंगस्टरों के खिलाफ अभियान—करणी सेना हमेशा अपने आक्रामक रुख और धमकियों के कारण चर्चा में बनी रहती है।





