जानिए कैसे बनती है आसमानी बिजली, और कहाँ गिरती है सबसे ज्यादा ?

आसमानी बिजली
बारिश का मौसम है और इन दिनों अक्सर आसमानी बिजली गिरने का खतरा बना राहत है, बारिश का मौसम आते ही आसमान से कड़ाकों की आवाज़ गूंजने लगती है। कभी-कभी ये कड़कती बिजली ज़िंदगी भी छीन लेती है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बिजली बनती कैसे है और भारत में सबसे ज्यादा बिजली गिरती कहां है और क्यों?
आइए आपको विस्तार से समझाते हैं..
जब गरजते-बरसते बादल बनते हैं तो उसमें ऊपर-नीचे की हवाएं जिसे अपड्राफ्ट और डाउनड्राफ्ट कहते हैं, पानी की बुँदे और बर्फ के क्रिस्टल्स आपस में टकराती हैं। इस टकराव में इलेक्ट्रॉन्स बनते हैं और बादलों के अलग-अलग हिस्सों में पॉजिटिव और नेगेटिव चार्ज जमा हो जाता है। जब ये चार्ज एक-दूसरे के संपर्क में आते हैं तो एक ज़ोरदार डिस्चार्ज होता है और वही होती है बिजली, जो जमीन पर गिरती है,
बात दे की बादलों के बीच में 1 अरब से लेकर 10 अरब वोल्ट तक का वोल्टेज हो सकता है!
लेकिन धरती तक सिर्फ 15 से 20 फीसदी बिजली ही गिरती है।
मध्यप्रदेश मे गिरती है सबसे ज्यादा बिजली
हाल ही में CROPC और आईएमडी की रिपोर्ट में खुलासा हुआ कि भारत में सबसे ज्यादा बिजली मध्य प्रदेश में गिरती है।
देश में आकाशीय बिजली (Lightning) गिरने के सबसे मामले मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में सामने आते हैं. एक सरकारी रिकॉर्ड के मुताबिक 2021-2022 में प्रदेश में बिजली गिरने की सबसे ज्यादा घटनाएं हुईं. इनमें 350 लोगों की मौत हो गई. वार्षिक लाइटनिंग रिपोर्ट 2021-2022 के मुताबिक मध्य प्रदेश में सबसे अधिक क्लाउड-टू-ग्राउंड स्ट्राइक (बिजली गिरना) दर्ज की गई हैं. वहीं उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे राज्यों ने आधे स्ट्राइक के साथ दोगुना नुकसान उठाया है. यहां बता दे कि वार्षिक लाइटनिंग रिपोर्ट 2021-2022 लाइटनिंग रेजिलिएंट इंडिया कैंपेन की तीसरी वार्षिक रिपोर्ट है. जो केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के तहत क्लाइमेट रेजिलिएंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल (CROPC) और भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) की एक संयुक्त पहल है. इसके बाद छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, ओडिशा और पश्चिम बंगाल मे गिरती है





