मैनपाट में मानव तस्करी का मामला, मजदूर को दो लाख में बेचा, छह दिन पैदल चलकर गांव लौटा

अंबिकापुर। सरगुजा जिले के मैनपाट से मानव तस्करी का एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक स्थानीय एजेंट ने ग्राम भटगांव के मजदूर संजय तिर्की को काम दिलाने के बहाने तमिलनाडु ले जाकर दो लाख रुपए में बेच दिया। कई महीनों तक अमानवीय शोषण झेलने के बाद संजय किसी तरह तस्करों के चंगुल से भाग निकला और छह दिन-छह रात पैदल चलकर अपने गांव पहुंचा। अत्यधिक थकान और खराब स्वास्थ्य के कारण ग्रामीणों ने उसे अस्पताल में भर्ती कराया।
काम दिलाने के नाम पर फंसाया
संजय तिर्की ने सीतापुर पुलिस को दी गई शिकायत में बताया कि नर्मदापुर निवासी रामविलास यादव उसे आठ महीने पहले अच्छी मजदूरी दिलाने का वादा कर तमिलनाडु ले गया था। वहां पहुंचने के बाद उसे बोरिंग खनन के काम में लगा दिया गया। शुरुआत में संजय को लगा कि वह मेहनत कर अपने परिवार के लिए अच्छी कमाई कर सकेगा, लेकिन जब उसने अपनी मजदूरी मांगी, तो बोरिंग मालिक ने चौंकाने वाला खुलासा किया। मालिक ने कहा कि संजय को दो लाख रुपए में खरीदा गया है और वह अब बिना अनुमति वहां से नहीं जा सकता।
भागकर जान बचाई
यह सुनकर संजय घबरा गया और वहां से भागने की योजना बनाने लगा। मौका मिलते ही वह तस्करों के चंगुल से छूटकर भाग निकला और कटनी पहुंचा। लेकिन वहां से आगे जाने के लिए उसके पास कोई साधन नहीं था। मजबूर होकर उसने छह दिन और छह रात पैदल सफर किया और पत्थलगांव पहुंचा। वहां एक ग्रामीण ने उसकी मदद की, जिससे वह किसी तरह अपने गांव भटगांव लौट सका।
पुलिस ने शुरू की जांच
गांव पहुंचने के बाद संजय ने सीतापुर थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी ने बताया कि पीड़ित का बयान दर्ज किया जा रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस अब यह भी पता लगाने में जुटी है कि इस मानव तस्करी में और कौन-कौन शामिल हैं।
इस घटना ने पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा दिया है। स्थानीय लोगों ने प्रशासन से दोषियों को जल्द गिरफ्तार करने और मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है।