हाईकोर्ट का बड़ा फैसला: पत्नी बिना वजह पति से अलग रह रही है तो नहीं मिलेगी गुजारा भत्ता

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक अहम फैसला सुनाते हुए कहा है कि अगर पत्नी बिना किसी ठोस वजह के अपने पति से अलग रहती है, तो उसे भरण-पोषण (गुजारा भत्ता) का हक नहीं मिलेगा।
यह फैसला चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की सिंगल बेंच ने सुनाया। मामला रायगढ़ की एक महिला का था, जिसने पति से गुजारा भत्ता मांगते हुए फैमिली कोर्ट में आवेदन दिया था। महिला का कहना था कि उसकी शादी 21 जून 2009 को हुई थी और 2011 में उसके जुड़वां बेटे हुए। उसने आरोप लगाया कि पति और ससुराल पक्ष ने दहेज की मांग करते हुए उसे मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया और बाद में मायके छोड़ दिया।
महिला ने दावा किया कि उसका पति भिलाई में कपड़ों का व्यवसाय करता है और हर महीने करीब 70 हजार रुपए कमाता है। इसलिए उसे हर महीने 20 हजार रुपए गुजारा भत्ता दिया जाए।
वहीं, पति ने आरोपों से इनकार करते हुए कहा कि पत्नी खुद बिना किसी कारण के अलग रह रही है और झूठे मामलों में फंसाने की धमकी देती है।
दोनों पक्षों की बात सुनने के बाद रायगढ़ के फैमिली कोर्ट ने 2021 में महिला की अर्जी यह कहते हुए खारिज कर दी थी कि वह बिना उचित कारण के अलग रह रही है। इसके खिलाफ महिला ने हाईकोर्ट में अपील की थी।
हाईकोर्ट ने फैमिली कोर्ट के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि सबूतों से साफ है कि महिला अपनी इच्छा से अलग रह रही है। जब तक वह यह साबित नहीं करती कि उसके पास अलग रहने की ठोस वजह है, तब तक उसे भरण-पोषण का अधिकार नहीं मिलेगा।





