युक्तियुक्तकरण विवाद पर हाईकोर्ट का बड़ा फैसला, सभी याचिकाएं निराकृत

बिलासपुर – छत्तीसगढ़ में शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण को लेकर दायर सभी याचिकाओं को बिलासपुर हाईकोर्ट की वेकेशन बेंच ने निराकृत कर दिया है। इस फैसले के बाद अब युक्तियुक्तकरण प्रक्रिया पर किसी प्रकार की कानूनी रोक नहीं रह गई है।

जस्टिस अरविंद कुमार वर्मा की एकल पीठ में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें याचिकाकर्ता शिक्षकों ने वर्ष 2008 की गाइडलाइन के आधार पर वर्तमान प्रक्रिया को चुनौती दी थी। उनका तर्क था कि बिना दावा-आपत्ति आमंत्रित किए ही काउंसलिंग शुरू की गई, जो नियम विरुद्ध है।

हालांकि राज्य सरकार की ओर से पेश किए गए मजबूत तर्कों और प्रक्रिया की वैधता को अदालत ने स्वीकार कर लिया। इसके साथ ही कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया कि सरकार द्वारा अपनाई गई प्रक्रिया कानूनसम्मत है, और शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण की कार्रवाई पर रोक लगाने की कोई जरूरत नहीं है।
अधिवक्ता गोविंद देवांगन(याचिकाकर्ता पक्ष)
याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता गोविंद देवांगन ने कहा कि वे अब कोर्ट के आदेश की प्रति प्राप्त करने के बाद आगे की वैधानिक कार्रवाई पर विचार करेंगे।

क्या है युक्तियुक्तकरण विवाद?
शिक्षकों का एक वर्ग इस प्रक्रिया को असंगत, अपारदर्शी और पक्षपातपूर्ण बता रहा था। वहीं सरकार का दावा है कि यह कदम गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, शिक्षक वितरण में संतुलन और संसाधनों के बेहतर उपयोग के उद्देश्य से लिया गया है।

इस फैसले के बाद अब सरकार को युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया आगे बढ़ाने में कानूनी अड़चनों से राहत मिल गई है।

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