ऑनलाइन सट्टेबाजी पर हाईकोर्ट सख्त, राज्य और केंद्र से मांगा जवाब, महादेव ऐप के बाद भी सक्रिय हैं सट्टा एप्स

बिलासपुर: छत्तीसगढ़ में ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स की बढ़ती संख्या को लेकर हाईकोर्ट ने चिंता जताई है। कोर्ट ने राज्य के गृहसचिव, केंद्र सरकार और अन्य संबंधित पक्षों से तीन सप्ताह के भीतर शपथपत्र के जरिए जवाब मांगा है। यह कार्रवाई एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान हुई, जो अधिवक्ता अमृतो दास के माध्यम से सुनील नामदेव ने दाखिल की थी। याचिका में मांग की गई है कि प्रदेश में चल रहे सट्टा एप्स को पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए।
सट्टा एप्स दे रहे हैं बिना मेहनत पैसा कमाने का लालच
मुख्य न्यायाधीश जस्टिस रमेश सिन्हा ने कहा कि आज के समय में लोग बिना मेहनत किए पैसा कमाने के रास्ते ढूंढ रहे हैं। सट्टेबाजी ऐप्स इसी मानसिकता को बढ़ावा दे रहे हैं। उन्होंने साफ कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि वह इन ऐप्स पर नजर रखे और यह सुनिश्चित करे कि कोई भी व्यक्ति कानून का उल्लंघन न करे। कोर्ट ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने भी भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ सख्त रुख अपनाया है।
सरकार को देनी होगी पूरी जानकारी
कोर्ट ने पूछा कि महादेव ऐप का मामला सामने आने के बाद अन्य सट्टा एप्स पर क्या कार्रवाई की गई है। याचिकाकर्ता ने यह भी बताया कि आईपीएल के दौरान कुछ एप्स ने विज्ञापन दिए, जो प्रतिबंध के बावजूद चल रहे हैं। कोर्ट ने एक सक्रिय सट्टा ऐप को प्रतिवादी के रूप में शामिल किया है। अब अगली सुनवाई 6 मई को होगी, तब तक सभी प्रतिवादी को अपनी रिपोर्ट पेश करनी होगी।





