अधिवक्ता पर झूठे केस का आरोप, निष्पक्ष जांच की मांग

बिलासपुर: शहर में एक अधिवक्ता के खिलाफ झूठा मामला दर्ज करने का मामला सामने आया है। अधिवक्ता जितेंद्र बंजारा ने पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगाते हुए आईजी को ज्ञापन सौंपा और निष्पक्ष जांच की मांग की। उनका कहना है कि उन्हें रंजिश के तहत झूठे केस में फंसाया गया है।

मामला सरकंडा थाना क्षेत्र का है, जहां दर्ज अपराध में अधिवक्ता का नाम जोड़ दिया गया, जबकि उनका इस घटनाक्रम से कोई लेना-देना नहीं था। यह विवाद डॉ. संजय बंजारे और आशीष टंडन के बीच 16 लाख रुपये के लेन-देन से जुड़ा है। डॉ. बंजारे ने रायपुर स्थित अपना मकान आशीष टंडन को बेचने का अनुबंध किया था और अग्रिम राशि भी ली थी। लेकिन बाद में उन्होंने इसी मकान को अन्य लोगों को भी बेचने का अनुबंध कर लिया, जिससे विवाद खड़ा हो गया।

अधिवक्ता जितेंद्र बंजारा का कहना है कि उन्होंने केवल कानूनी सलाह दी थी, लेकिन फिर भी उनके खिलाफ धारा 384, 456, 34 भादंवि और कर्जा अधिनियम के तहत मामला दर्ज कर लिया गया। उन्होंने यह भी बताया कि जिस समय की घटना दर्ज की गई है, उस वक्त वे ग्राम झलमला में ईद कार्यक्रम में शामिल थे, यानी घटना के समय वे बिलासपुर में मौजूद ही नहीं थे।

अधिवक्ता ने पुलिस की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिना जांच के कार्रवाई की गई है और राजनीतिक दबाव में आकर उन पर झूठा केस दर्ज किया गया। इस मामले पर अधिवक्ता सागर बंजारा, जो सतनामी समाज के अध्यक्ष भी हैं, ने कहा कि यह पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। उन्होंने इस तरह की कार्रवाई को कानूनी पेशे से जुड़े लोगों के खिलाफ साजिश बताया।

वहीं, शिकायतकर्ता विनय कौशल ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई की अपील की है। इस पूरे मामले को लेकर अधिवक्ता संघ और सामाजिक संगठनों में नाराजगी है, जो जल्द ही इस मामले को लेकर आगे की रणनीति बना सकते हैं।

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