Fake Caste Certificate: प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मामला फिर गरमाया…
Fake Caste Certificate: बिलासपुर मस्तूरी क्षेत्र में 50 से अधिक लोगों ने बैगा प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी हासिल की...

प्रदेश में फर्जी जाति प्रमाण पत्र का मुद्दा फिर से सुर्खियों में है। बिलासपुर के मस्तूरी तहसील में बैगा समुदाय का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर कई लोगों ने सरकारी नौकरी हासिल की है। (Fake Caste Certificate) प्रशासन ने शिकायतों के बाद जांच शुरू कर दी है….”बिलासपुर के मस्तूरी तहसील के कई गांवों से मिली शिकायतों के अनुसार, 50 से अधिक लोगों ने बैगा जाति का फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी हासिल की है। इनके पूर्वजों की जाति रिकॉर्ड, स्कूल और निर्वाचन आयोग के कागजों पर ढीमर दर्ज है, लेकिन पुत्र या पत्नी बैगा के रूप में प्रमाणित हैं।
बिलासपुर मस्तूरी क्षेत्र में 50 से अधिक लोगों ने बैगा प्रमाण पत्र बनाकर सरकारी नौकरी हासिल की…(Fake Caste Certificate)
2023 में सहायक शिक्षक के 55 पदों पर भर्ती हुई और 250 नए जाति प्रमाण पत्र जारी किए गए। गौरतलब है कि 2015-16 में बैगा जनजाति सर्वेक्षण से स्पष्ट है कि मस्तूरी क्षेत्र में बैगा समुदाय नहीं रहते….फर्जी जाति प्रमाण पत्र और उससे लाभ लेने के मामले नए नहीं हैं। पिछले 25 सालों में 900 से ज्यादा शिकायतें दर्ज हुई हैं। अधिकांश मामलों में जिन लोगों को बैगा प्रमाण पत्र मिला, वे ढीमर या धीवर समुदाय के हैं। 1949 से पहले कुछ ढीमर लोग बैगा लिखते थे, लेकिन उसके बाद का प्रकरण संदिग्ध है।
जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी, (Fake Caste Certificate)
सर्व आदिवासी समाज ने फर्जी प्रमाण पत्र बनाकर लाभ लेने वालों के खिलाफ आपराधिक कार्रवाई और रिकवरी की मांग की है……”फर्जी जाति प्रमाण पत्र की शिकायतों के बाद प्रशासनिक जांच शुरू हो गई है। बिलासपुर संभाग के आयुक्त सुनील कुमार जैन ने बताया कि संबंधित विभागों को पत्र भेज दिया गया है और जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी…….
“छत्तीसगढ़ में केवल 6-7 जिलों में ही बैगा समुदाय निवासरत है। 2011 की जनगणना के अनुसार इनकी संख्या लगभग 89,744 है। फर्जी जाति प्रमाण पत्र के इस मामले ने सरकारी भर्ती प्रणाली और योग्य उम्मीदवारों के अधिकारों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। अब सभी की निगाहें प्रशासनिक जांच और आगामी कार्रवाई पर टिकी हैं….





