ईद उल फितर की तैयारी जोरों पर, बाजारों में रौनक

रमजान का आखिरी अशरा चल रहा है और अब ईद उल फितर के जश्न की तैयारियां जोरों पर हैं। मस्जिदों में इबादत का सिलसिला जारी है, वहीं बाजारों में रौनक देखने लायक है। मुस्लिम परिवार ईद की ख़रीदारी में जुटे हैं और सेवइयों, मेवों, कपड़ों और अन्य जरूरत की चीजों की जमकर खरीदारी कर रहे हैं। दुकानदार भी ग्राहकों की पसंद का खास ध्यान रख रहे हैं।
कब होगी ईद? चांद देखने का इंतजार
ईद उल फितर इस्लामी कैलेंडर के अनुसार शव्वाल महीने की पहली तारीख को मनाई जाती है। इसकी तारीख चांद दिखने पर निर्भर करती है। अगर रविवार, 30 मार्च को चांद नजर आता है तो सोमवार, 31 मार्च को ईद मनाई जाएगी, अन्यथा मंगलवार, 1 अप्रैल को इस पावन पर्व का जश्न होगा। चूंकि इस्लामिक महीना 29 या 30 दिनों का होता है, इसलिए हर साल ईद की तारीख बदलती रहती है।
रमजान का पवित्र महीना समाप्त होने को
रमजान के पूरे महीने रोज़े रखने और इबादत करने के बाद अब मुसलमान बेसब्री से ईद का इंतजार कर रहे हैं। यह दिन उनके लिए खास होता है, क्योंकि यह रोज़े की कठिन तपस्या और खुदा की इबादत का इनाम माना जाता है। इस दिन सभी नए कपड़े पहनते हैं, एक-दूसरे को गले लगाकर ईद की मुबारकबाद देते हैं और अपने घरों में स्वादिष्ट पकवान बनाते हैं।
बाजारों में रौनक, सेवइयों की जमकर खरीदारी
ईद के मौके पर सेवइयों का खास महत्व होता है। बाजारों में सेवइयां, मेवे, सूखे मेवे, मिठाइयां और नए कपड़ों की दुकानों पर भारी भीड़ देखी जा रही है। लोग अपनी पसंद की चीजें खरीदने के लिए उत्साहित हैं और दुकानदार भी ग्राहकों की मांग पूरी करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं।
ईद का संदेश – प्यार और भाईचारा
ईद-उल-फितर सिर्फ एक त्योहार नहीं, बल्कि आपसी प्रेम, सौहार्द और भाईचारे का संदेश भी देता है। इस दिन सभी गिले-शिकवे भुलाकर एक-दूसरे को गले लगाना और जरूरतमंदों की मदद करना इस्लाम की सिखाई गई महत्वपूर्ण बातें हैं। इस दिन गरीबों को फितरा और दान देना भी जरूरी माना जाता है, जिससे हर कोई ईद की खुशियों में शामिल हो सके।
इस तरह, ईद सिर्फ एक धार्मिक पर्व नहीं, बल्कि स्नेह, सद्भावना और मिल-जुलकर खुशियां बांटने का अवसर भी है।