क्या मानव मष्तिस्क में होते हैं तीन दिमाग, जानिए क्या कहती है रिसर्च

रायपुर। आप सभी को हमारे शरीर के उपरी हिस्से यानी कि मष्तिस्क या दिमाग… और उसके काम के बारे में तो पता ही होगा…. कि वो हमारे पुरे शरीर को control करता और आदेश भी देता है… अब तक हम यही मानते आए हैं कि हमारे सिर में मौजूद मस्तिष्क ही शरीर का असली ‘दिमाग’ है, लेकिन कुछ शोधों का कहना है कि हमारी आंत और रीढ़ की हड्डी भी किसी दिमाग से कम नहीं हैं… तो क्या सच में इंसान के शरीर में तीन दिमाग होते हैं? या यह सिर्फ एक मिथक है? आइए, इसे विस्तार से समझते हैं..”
पहला दिमाग–मुख्य मस्तिष्क
मनुष्य का मुख्य मस्तिष्क, जिसे सेरेब्रल कॉर्टेक्स और अन्य भागों में विभाजित किया जाता है, हमारे संज्ञानात्मक, भावनात्मक और शारीरिक कार्यों को नियंत्रित करता है। यह हमारे विचार, भावनाएं, याददाश्त, निर्णय लेने की क्षमता और शरीर की गतिविधियों के लिए जिम्मेदार होता है…
दूसरा दिमाग– आंत
एंटरिक नर्वस सिस्टम (ENS) को आमतौर पर “दूसरा दिमाग” कहा जाता है। यह हमारी आंतों में मौजूद होता है और भोजन के पाचन, पोषक तत्वों के अवशोषण और अपशिष्ट पदार्थों के निष्कासन को नियंत्रित करता है।
दरअसल, आंत में लगभग 50 करोड़ न्यूरॉन्स होते हैं, जो हमारी रीढ़ की हड्डी में मौजूद न्यूरॉन्स से भी अधिक हैं.. औरयह स्वतंत्र रूप से काम कर सकता है… वो भी बिना मुख्य मस्तिष्क से सीधे निर्देश लिए…
आंत का मस्तिष्क से संबंध
वहीं आंत और मस्तिष्क के बीच एक गहरा संबंध होता है, जिसे Gut-Brain Axis कहा जाता है… आंत, शरीर में सेरोटोनिन नामक न्यूरोट्रांसमीटर का लगभग 90% उत्पादन करती है, जो हमारे मूड और भावनाओं को नियंत्रित करता है..
कई अध्ययन बताते हैं कि पाचन तंत्र की स्थिति मानसिक स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। तनाव, अवसाद और चिंता जैसी समस्याओं का संबंध आंत में मौजूद बैक्टीरिया और न्यूरोट्रांसमीटर से होता है… इन्हीं सब कारणों के चलते आंत को दूसरा दिमाग कहा जाता है…
तीसरा दिमाग– रीढ़ की हड्डी
कुछ वैज्ञानिक और न्यूरोलॉजिस्ट मानते हैं कि रीढ़ की हड्डी को “छोटा दिमाग” कहा जा सकता है… रीढ़ की हड्डी यह मस्तिष्क से आने वाले संकेतों को शरीर के विभिन्न अंगों तक पहुंचाने का काम करती है… इसमें कुछ स्वतंत्र न्यूरल नेटवर्क होते हैं, जो बिना मस्तिष्क की अनुमति के भी रिफ्लेक्स एक्शन को नियंत्रित कर सकते हैं.. यह हमारे मांसपेशियों के मूवमेंट, दर्द के अनुभव और अन्य शारीरिक कार्यों को प्रभावित करता है…
हालांकि, वैज्ञानिक इस पर पूरी तरह सहमत नहीं हैं कि क्या रीढ़ की हड्डी को वास्तव में “दिमाग” कहा जा सकता है, क्योंकि यह मुख्य रूप से एक संदेशवाहक की भूमिका निभाती है..
क्या वास्तव में तीन दिमाग होते हैं
हालांकि, मुख्य मस्तिष्क ही शरीर का असली दिमाग है, लेकिन आंत और रीढ़ की हड्डी के अद्वितीय न्यूरल सिस्टम को देखते हुए उन्हें “दूसरा” और “तीसरा दिमाग” कहने की धारणा कुछ हद तक तर्कसंगत लगती है।
लेकिन वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, “दिमाग” की परिभाषा केवल उसी अंग के लिए प्रयोग की जाती है जो सोचने, निर्णय लेने और सीखने की क्षमता रखता हो। इसलिए, रीढ़ की हड्डी और आंत को तकनीकी रूप से “दिमाग” नहीं कहा जा सकता, लेकिन वे निश्चित रूप से शरीर के महत्वपूर्ण न्यूरल सिस्टम का हिस्सा हैं..
तो मानव का मुख्य मस्तिष्क ही उसका वास्तविक दिमाग है… जो हमारे पूरे शरीर को नियंत्रित करता है… वहीं आंत को “दूसरा दिमाग” कहना कुछ हद तक सही हो सकता है, क्योंकि यह स्वतंत्र रूप से कई न्यूरल क्रियाओं को संचालित करता है और मानसिक स्वास्थ्य पर असर डालता है…लेकिन रीढ़ की हड्डी को “तीसरा दिमाग” कहना पूरी तरह वैज्ञानिक नहीं है… क्योंकि ये मस्तिष्क का विस्तार मात्र है और स्वतंत्र निर्णय नहीं ले सकता.. इसलिए, यह कहना कि इंसान के शरीर में “तीन दिमाग” होते हैं, एक रोचक अवधारणा तो है, लेकिन पूरी तरह वैज्ञानिक रूप से सिद्ध नहीं है… जब तक ये सिद्ध नहीं हो जाता, रीढ़ की हड्डी को अधिकारिक रुप से तीसरा दिमाग नहीं कहा जा सकता…





