हाई कोलेस्ट्रॉल के ये लक्षण न करें नजरअंदाज, खासतौर पर 45 की उम्र के बाद

शाम की सैर पर निकला एक व्यक्ति अचानक सीढ़ियाँ चढ़ते हुए हाँफने लगता है। सोचता है – शायद उम्र का असर है लेकिन जब ऐसा रोज़-रोज़ होने लगे तो ज़रूरत होती है सतर्क होने की।
45 की उम्र के बाद शरीर में आने वाले बदलावों को केवल उम्र का असर समझना खतरनाक हो सकता है, क्योंकि कई बार ये हाई कोलेस्ट्रॉल जैसी गंभीर बीमारियों के संकेत भी हो सकते हैं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के 6 ऐसे लक्षण, जिन्हें नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है
1. हाथ-पैरों में झुनझुनी या सुन्नपन
अगर आपको अक्सर हाथों या पैरों में झुनझुनी या सुन्नता महसूस होती है, तो यह ब्लड सर्कुलेशन में रुकावट का संकेत हो सकता है। नसों में जमी कोलेस्ट्रॉल की परतें इसका कारण हो सकती हैं।
2. सीने में हल्का दर्द या भारीपन
यह दिल की बीमारी का भी संकेत हो सकता है, लेकिन ब्लड वेसल्स में ब्लॉकेज की वजह से भी ऐसा हो सकता है। इसे हल्के में लेना खतरनाक हो सकता है।
3. थोड़ा चलते ही थकान लगना या सांस फूलना
अगर सीढ़ियाँ चढ़ते वक्त या हल्का काम करते हुए जल्दी थकान लगती है या सांस फूलने लगती है, तो यह ऑक्सीजन सप्लाई में रुकावट का इशारा है — जिसकी एक वजह हाई कोलेस्ट्रॉल हो सकता है।
4. आंखों के आसपास सफेद या पीले दाग
अगर आपकी पलकों या आंखों के कोनों पर सफेद या पीले पैच दिखने लगे हैं, तो इसे नजरअंदाज न करें। यह एक सामान्य लेकिन स्पष्ट कोलेस्ट्रॉल का लक्षण हो सकता है।
5. पेट या गर्दन में हल्का लेकिन बार-बार दर्द
अचानक और बार-बार होने वाला पेट या गर्दन का असहज दर्द भी संकेत हो सकता है कि शरीर के अंदर कुछ ठीक नहीं चल रहा — खासकर नसों में जमा फैट की वजह से।
6. नाड़ी की गति का अनियमित होना
अगर आपकी हार्टबीट कभी बहुत धीमी और कभी तेज हो जाती है, तो यह दिल तक पर्याप्त रक्त न पहुंच पाने का संकेत है — और इसकी एक बड़ी वजह हो सकती है हाई कोलेस्ट्रॉल।
45 की उम्र के बाद क्यों सतर्क रहना जरूरी है?
इस उम्र के बाद शरीर की कार्यक्षमता में बदलाव आना स्वाभाविक है, लेकिन हर बदलाव को ‘उम्र का असर’ समझकर नजरअंदाज करना भारी पड़ सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल अगर समय पर कंट्रोल न किया जाए, तो यह हार्ट अटैक, स्ट्रोक, हाई बीपी और अन्य कार्डियोवैस्कुलर बीमारियों का कारण बन सकता है।
क्या करें?
समय-समय पर लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराएं
ऑयली और प्रोसेस्ड फूड से परहेज करें
नियमित व्यायाम करें और तनाव कम रखें
लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें





