देवभोग पुलिस पर आदिवासी व्यक्ति से बर्बरता का आरोप, समाज ने की कड़ी कार्रवाई की मांग

गरियाबंद। देवभोग पुलिस पर जांच के नाम पर आदिवासी व्यक्ति के साथ बर्बरता करने का गंभीर आरोप लगा है। इस घटना से आदिवासी समाज आक्रोशित हो गया है और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहा है।
क्या है मामला?
जनवरी महीने में एक नाबालिग के गुमशुदगी मामले की जांच के दौरान देवभोग पुलिस ने चलनापदर पोडपारा निवासी लालधर पोर्टी को पूछताछ के लिए बुलाया था। आरोप है कि पुलिस ने पूछताछ के दौरान उसे बेरहमी से पीटा, जिससे उसके एक पैर की हड्डी टूट गई। गंभीर चोट लगने के बावजूद पीड़ित ने डर के कारण किसी को कुछ नहीं बताया।
जब यह मामला आदिवासी समाज के पदाधिकारियों तक पहुंचा, तो वे भड़क गए और पीड़ित को लेकर सीधे देवभोग थाने पहुंच गए।
थाने में हंगामा, पुलिस और समाज के बीच तीखी बहस
आदिवासी विकास परिषद के नेताओं ने थाने में जमकर हंगामा किया। वे पीड़ित को उस कमरे में भी ले गए, जहां उसे बंद करके पीटा गया था। इसके बाद पुलिस और आदिवासी नेताओं के बीच तीखी बहस हुई।
समाज के नेताओं का कहना है कि बिना किसी ठोस सबूत के एक निर्दोष व्यक्ति को प्रताड़ित करना अन्याय है। वे दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग पर अड़े हुए हैं और इसके लिए आज जिला मुख्यालय में प्रदर्शन करने की तैयारी कर रहे हैं।
इस पूरे मामले पर पुलिस ने सफाई देते हुए कहा कि पूछताछ के बाद लालधर पोर्टी का डॉक्टरी परीक्षण कराया गया था और उसे सुरक्षित घर छोड़ा गया था। पुलिस ने किसी भी प्रकार की ज्यादती से इनकार किया है।
अब देखना होगा कि इस मामले में प्रशासन क्या कदम उठाता है और आदिवासी समाज का विरोध कितना असर डालता है।





