ट्रेनों की देरी बनी परेशानी का सबब, गर्मी में तड़पते यात्री, रेलवे प्रशासन पर उठे सवाल

बिलासपुर |
बिलासपुर में भीषण गर्मी के बीच रेलवे की लापरवाही से यात्रियों की मुसीबतें और बढ़ गई हैं। शहर में तापमान लगातार 40 से 42 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है, और इस भीषण गर्मी में ट्रेनों की लगातार देरी ने यात्रियों की परेशानी को दोगुना कर दिया है।
घंटों लेट हो रही ट्रेनें, धैर्य की परीक्षा दे रहे यात्री
बिलासपुर रेलवे स्टेशन पर आने-जाने वाली अधिकांश ट्रेनें 1 से 12 घंटे तक की देरी से चल रही हैं। प्लेटफॉर्म पर बैठकर ट्रेन का इंतज़ार कर रहे यात्रियों का ना सिर्फ समय बर्बाद हो रहा है, बल्कि गर्मी की तपिश भी उनके लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।
लेट होने वाली प्रमुख ट्रेनों की स्थिति कुछ इस प्रकार है:
शहडोल-बिलासपुर पैसेंजर: 1 घंटा 30 मिनट देरी
पुरी उत्कल एक्सप्रेस: 2 घंटे 12 मिनट देरी
हावड़ा-शालीमार एक्सप्रेस: 1 घंटा 10 मिनट देरी
हावड़ा-दुरंतो एक्सप्रेस: 2 घंटे 16 मिनट देरी
कई अन्य ट्रेनें: 8 से 12 घंटे तक की देरी
पानी और सुविधाओं का टोटा, प्लेटफॉर्म पर बेहाल महिलाएं-बच्चे
लंबे इंतजार के दौरान यात्रियों को ठंडा पानी, बैठने की उचित व्यवस्था और जरूरी सुविधाएं तक नहीं मिल रही हैं। बुजुर्ग, महिलाएं और छोटे बच्चे प्लेटफॉर्म पर खुले आसमान के नीचे घंटों इंतज़ार करते नजर आ रहे हैं, जहां ना छांव है, ना आराम की कोई व्यवस्था।
रेलवे प्रशासन पर उठ रहे सवाल
यात्रियों का कहना है कि रेलवे न तो सामयिक सूचना देता है और न ही कोई वैकल्पिक सुविधा उपलब्ध कराता है। हर साल गर्मियों में यही स्थिति दोहराई जाती है, लेकिन प्रशासन की तरफ से कोई ठोस कदम नहीं उठाया जाता।
अब सवाल यह उठता है:
क्या रेलवे प्रशासन इन परिस्थितियों पर गंभीरता से ध्यान देगा?
क्या यात्रियों को राहत देने के लिए तत्काल उपाय किए जाएंगे?





