दत्तात्रेय जयंती आज, त्रिदेव के संयुक्त अवतार की पूजा का शुभ समय जानें

सनातन धर्म में भगवान दत्तात्रेय का विशेष महत्व है। मार्गशीर्ष मास की पूर्णिमा तिथि को दत्तात्रेय जयंती मनाई जाती है और इस वर्ष यह पर्व 4 दिसंबर को मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यता है कि भगवान दत्तात्रेय ब्रह्मा, विष्णु और महेश के संयुक्त अवतार हैं। उनकी पूजा करने से त्रिदेव की कृपा प्राप्त होती है।
धर्म ग्रंथों के अनुसार दत्तात्रेय का जन्म ऋषि अत्रि और माता अनुसूया के घर हुआ था। दत्तात्रेय अपने 24 गुरुओं से प्राप्त ज्ञान के कारण अत्यंत प्रसिद्ध हैं। इस दिन दत्तात्रेय की आराधना से शीघ्र फल मिलता है। गंगा स्नान और पितरों का तर्पण करने से जन्म-जन्मांतर के पापों से मुक्ति मिलने का भी विश्वास है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा भक्तों के लिए आध्यात्मिक साधना का विशेष अवसर माना जाता है। दत्त जयंती के दिन आध्यात्मिक उपवास, मंत्र-जप और ध्यान का भी विशेष महत्व होता है।
मार्गशीर्ष पूर्णिमा तिथि
पूर्णिमा तिथि प्रारम्भ – 4 दिसंबर सुबह 08:37 बजे
पूर्णिमा तिथि समाप्त – 5 दिसंबर सुबह 04:43 बजे
दत्तात्रेय जयंती 2025 शुभ समय
ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 05:14 से 06:06
गोधूलि मुहूर्त – शाम 05:58 से 06:24
अमृत काल – दोपहर 12:20 से 01:58
इस अवसर पर देशभर में भक्त दत्तात्रेय मंदिरों में पूजा-अर्चना कर सुख, समृद्धि और आध्यात्मिक शक्ति की कामना करते हैं।




