बिहार में संकट: कांग्रेस ने नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और वित्तीय समस्याओं पर उठाए सवाल

बिहार विधानसभा चुनावों से पहले राज्य का राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है, जहां विपक्षी पार्टियां मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के स्वास्थ्य और राज्य की बिगड़ती वित्तीय स्थिति पर सवाल उठा रही हैं। कांग्रेस ने भी इन मुद्दों को उठाते हुए सरकार परिवर्तन की मांग की है और गरीबी, कुपोषण, और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी जैसे मुद्दों को प्रमुखता से सामने रखा है।
कांग्रेस ने बिहार में सरकार बदलने की मांग की
रविवार को कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में “सरकार बदलो, बिहार बदलो” का नारा देते हुए राज्य में सरकार परिवर्तन की आवश्यकता जताई। उन्होंने बिहार की वित्तीय स्थिति में आई गिरावट को लेकर चिंता व्यक्त की और कहा कि पिछले 20 वर्षों में एनडीए शासन के दौरान यह स्थिति बिगड़ी है। कांग्रेस ने यह भी कहा कि नीतीश कुमार के स्वास्थ्य की स्थिति भी राज्य के शासकीय कार्यों को प्रभावित कर रही है।
स्वास्थ्य और शासन: बढ़ती चिंता
पवन खेड़ा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी नीतीश कुमार के अच्छे स्वास्थ्य की कामना करती है, लेकिन राज्य की वर्तमान स्थिति गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने यह भी कहा कि बीजेपी से गठबंधन के बाद से मुख्यमंत्री की स्वास्थ्य स्थिति में गिरावट आई है, जो शासन में समस्याएं पैदा कर रहा है। इसके साथ ही उन्होंने मुख्यमंत्री के हस्ताक्षर के दुरुपयोग की संभावना भी जताई, जिससे शासन में और अधिक समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं।
स्वास्थ्य सेवाओं और कुपोषण की स्थिति
कांग्रेस नेता ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि राज्य के सरकारी अस्पतालों में दवाइयों और कर्मचारियों की कमी है। इसके अलावा, सीएजी की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कुपोषण में वृद्धि को लेकर भी चिंता व्यक्त की। पवन खेड़ा ने यह भी बताया कि बिहार के युवा अपनी प्रतिभा का सही तरीके से इस्तेमाल नहीं कर पा रहे हैं और पलायन करने को मजबूर हैं।
कुल मिलाकर, कांग्रेस ने बिहार के भविष्य के लिए एक नई दिशा की आवश्यकता जताई है, जिसमें बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं, बेहतर शासन और राज्य के विकास के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएं।





