नीतीश सरकार पर फिर हमलावर हुए चिराग पासवान, कहा – “सिस्टम पूरी तरह फेल है”

पटना। बिहार में विधानसभा चुनाव की सियासी हलचल तेज हो गई है और एक बार फिर चिराग पासवान मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर हमलावर हो गए हैं। लोक जनशक्ति पार्टी (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने हाल ही में मुजफ्फरपुर की दलित बच्ची के साथ हुए गैंगरेप और उसकी मौत के मामले को लेकर नीतीश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है।
चिराग ने नीतीश सरकार को ठहराया जिम्मेदार
चिराग पासवान ने कहा कि यह केवल एक मासूम बच्ची की हत्या नहीं, बल्कि पूरे राज्य की व्यवस्था की नाकामी है। उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को पत्र लिखते हुए कहा कि अगर सरकार इस मामले पर चुप रही, तो यह चुप्पी भी एक अपराध होगी। उन्होंने मामले की न्यायिक जांच की मांग की है।
चिराग पासवान ने सीएम नीतीश कुमार से तीन अहम मांगें की हैं –
1. दोषियों की जल्द गिरफ्तारी और उन्हें कड़ी सजा।
2. पीएमसीएच अस्पताल की लापरवाही की उच्च स्तरीय न्यायिक जांच।
3. इलाज में देरी करने वाले डॉक्टरों और कर्मचारियों पर FIR और निलंबन।
चिराग फिर बने जेडीयू के लिए चुनौती
चिराग पासवान की सियासी शैली फिर वैसी ही होती दिख रही है जैसी उन्होंने 2020 के विधानसभा चुनाव से पहले अपनाई थी। उस समय भी उन्होंने नीतीश सरकार के खिलाफ तीखा रुख अपनाया था और एनडीए में रहते हुए जेडीयू के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतार दिए थे, जिससे जेडीयू को भारी नुकसान हुआ था।
नीतीश सरकार ने गठित किया जांच आयोग
इस घटना के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच आयोग का गठन कर दिया है और मृत बच्ची के परिवार को मुआवजा देने का भी ऐलान किया है। बावजूद इसके, चिराग पासवान सरकार की कार्यप्रणाली से संतुष्ट नहीं हैं और लगातार हमलावर हैं।
चिराग पासवान अब खुद को नीतीश कुमार के विकल्प के रूप में स्थापित करने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। भले ही वे सार्वजनिक रूप से कहें कि सीएम पद के लिए कोई वैकेंसी नहीं है, लेकिन उनकी पार्टी की रणनीति साफ तौर पर उन्हें मुख्यमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश करने की है।
चिराग के आक्रामक तेवरों ने नीतीश कुमार की चिंता जरूर बढ़ा दी है। आने वाले चुनावों में चिराग की पार्टी किस रणनीति पर चलती है, इस पर बिहार की सियासत काफी हद तक निर्भर करेगी।





