टैरिफ वार के बीच चीन का धमाका, दुनियाभर के देशों को दी धमकी…

नई दिल्ली। चीन अमेरिका टैरिफ वार के बीच चीन ने उन देशों को सीधी चेतावनी दी है जो अमेरिका के साथ व्यापार समझौता करने की सोच रहे हैं। चीन का कहना है कि ऐसे समझौतों से बीजिंग को नुकसान हो सकता है। यह चेतावनी 21 अप्रैल को आई है। रिपोर्ट के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका दूसरे देशों को चीन के साथ व्यापार कम करने के बदले में टैरिफ में छूट दे सकता है। जिसके बाद ये प्रतिक्रिया सामने आई है।
चीन की कॉमर्स मिनिस्ट्री ने कहा कि वह सभी पक्षों का सम्मान करता है कि वे अमेरिका के साथ बराबरी के आधार पर बातचीत करके अपने आर्थिक और व्यापारिक मतभेदों को सुलझाएं। लेकिन, चीन ने यह साफ कर दिया कि अगर ऐसे समझौते से उसे नुकसान होता है तो वह चुप नहीं रहेगा। मंत्रालय ने कहा कि चीन किसी भी ऐसे समझौते को कभी स्वीकार नहीं करेगा जो चीन की कीमत पर हो।
मंत्रालय ने आगे कहा कि अगर ऐसा कोई समझौता किया जाता है, तो चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा और इसका दृढ़ता से और उसी तरह से जवाब देगा। इसका मतलब है कि चीन भी वैसे ही कदम उठाएगा जैसे अमेरिका ने उठाए हैं। ट्रम्प के बयान पर चीन ने कहा था कि हमारे ऊपर लगे टैरिफ को और बढ़ाने की धमकी देकर अमेरिका गलती के ऊपर गलती कर रहा है। इस धमकी से अमेरिका का ब्लैकमेलिंग करने वाला रवैया सामने आ रहा है। चीन इसे कभी स्वीकार नहीं करेगा। चीन यह भी कहा था कि ‘अगर ट्रेड वॉर हुआ, तो चीन पूरी तरह तैयार है।
वही अमेरिकी और चीन के बीच छिड़े ‘टैरिफ विवाद’ पर बड़ा अपडेट सामने आया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के तेवर में नरमी आई है। चीन पर 245 फीसदी टैरिफ लगाने के बाद ट्रम्प के सुर बदल गए हैं। ट्रम्प ने कहा है कि हम चीन के साथ बहुत अच्छा सौदा करने जा रहे हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि चीन अमेरिका के साथ बैठक करने को तैयार है। US राष्ट्रपति ने कहा कि ‘उन्हें लगता है कि अमेरिका को यूरोप या किसी और के साथ डील करने में बहुत कम समस्या होगी, इसलिए जल्दबाजी नहीं है।
ट्रम्प ने कहा कि हमें यूरोप या किसी और के साथ समझौता करने में बहुत कम समस्या होगी, क्योंकि हमारे पास कुछ ऐसा है जो हर कोई चाहता है।बातचीत के बीच ट्रम्प ने कहा कि मुझे लगता है कि हम चीन के साथ बहुत अच्छा समझौता करने जा रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि मेक्सिको के राष्ट्रपति के साथ बहुत ही अच्छी बातचीत हुई। मैंने जापान के बिजनेस प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। चीन समेत हर देश हमसे मिलना चाहता है।





