मधेश्वर महादेव धाम में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया शिव महापुराण कथा का श्रवण

जशपुर:मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय आज जशपुर जिले के मायाली स्थित मधेश्वर महादेव धाम में आयोजित 7 दिवसीय शिव महापुराण कथा में सहभागी बने। उन्होंने भक्ति-भाव से विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति परिवारों के साथ बैठकर कथा का श्रवण किया। इस पावन अवसर पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु कथा स्थल पर उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने किया कथावाचक प्रदीप मिश्रा जी का सम्मान

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रसिद्ध कथावाचक पंडित श्री प्रदीप मिश्रा जी का पुष्पमाला पहनाकर अभिनंदन किया और मधेश्वर महादेव का छायाचित्र भेंट किया। उन्होंने प्रदेशवासियों के सुख-समृद्धि की कामना करते हुए कथा स्थल पर शिव कृपा का आशीर्वाद प्राप्त किया। इस आयोजन में उनकी धर्मपत्नी श्रीमती कौशल्या साय, जिला पंचायत अध्यक्ष श्री सालिक साय, उपाध्यक्ष श्री शौर्य प्रताप सिंह जूदेव सहित कई जनप्रतिनिधि, प्रशासनिक अधिकारी, एवं हजारों श्रद्धालु शामिल हुए।

27 मार्च से पुनः प्रारंभ होगी मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना

श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पूरे प्रदेश के लिए सौभाग्य की बात है कि भगवान शिव की दिव्य कथा का वाचन करने स्वयं पंडित प्रदीप मिश्रा जी मधेश्वर महादेव धाम पहुंचे हैं। बीते पाँच दिनों से कथा स्थल पर भक्ति का अद्भुत वातावरण बना हुआ है, जिससे लोगों को आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त हो रहा है।

उन्होंने यह भी घोषणा की कि मुख्यमंत्री तीर्थयात्रा योजना 27 मार्च से पुनः प्रारंभ की जाएगी, जिसके तहत श्रद्धालुओं को विभिन्न तीर्थ स्थलों के दर्शन हेतु भेजा जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने बताया कि अयोध्या धाम रामलला दर्शन योजना के अंतर्गत अब तक 22,000 से अधिक श्रद्धालु प्रभु श्रीराम के दर्शन कर चुके हैं।

शिव महापुराण कथा से विशेष पिछड़ी जनजातियों को मिला आध्यात्मिक लाभ

इस दिव्य आयोजन का विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के ग्रामीणों पर भी गहरा प्रभाव पड़ा। ग्राम पंडरसिली (मनोरा), बेहेराखार और भितघारा (बगीचा) से आए श्रद्धालु कथा स्थल पहुंचे।

इन जनजातियों के श्रद्धालुओं संतोष राम, बजरु राम, शंकर राम, दुर्गा राम, गेंदु राम, गुरुबारु राम और लाखा राम ने कहा कि शिव कथा ने उनके अंतर्मन को छू लिया है। पंडित प्रदीप मिश्रा जी के प्रवचन केवल भक्ति की अनुभूति ही नहीं कराते, बल्कि जीवन को एक नई दिशा भी प्रदान करते हैं।

यह आयोजन जशपुर जिले को आध्यात्मिक दृष्टि से नई पहचान देने वाला सिद्ध हुआ, जिससे समूचा क्षेत्र शिवमय हो उठा।

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