Chhattisgarh Tourism Madku Dweep: प्राचीन कला का अनमोल खजाना: माडकू द्वीप का इतिहास और वैभव

Chhattisgarh Tourism Madku Dweep: माडकू द्वीप का इतिहास – माडकू द्वीप एक प्राकृतिक सुंदरता का द्वीप है, जो हरे-भरे वनस्पति और शानदार झरनों से सुशोभित है। यहां प्राचीन समय के मंदिरों के खंडहर, शिलालेख, सिक्के और मिट्टी के बर्तन मिले हैं। यहां पाई गई प्राचीन कला उच्च कौशल का प्रदर्शन करती है।

पर्यटन स्थल
तीर्थ स्थल माडकू द्वीप प्राचीन देवी-देवताओं के ऐतिहासिक अवशेषों के लिए प्रसिद्ध है। इनमें शिवलिंग, नंदी, गणेश, आमलक और कई अन्य देवता शामिल हैं।

तीर्थ स्थल छत्तीसगढ़
उत्खनन माडकू द्वीप में व्यापक उत्खनन किया गया है और सुंदर मूर्तिकला का पता चला है। कुल 19 मंदिरों का उत्खनन किया गया है, जिनमें से एक पश्चिम की ओर और 18 अन्य पूर्व की ओर हैं। माना जाता है कि नदी में बाढ़ के कारण इस प्राचीन स्थल का विनाश हुआ था।

उत्खनन छत्तीसगढ़
त्योहार यहां मनाए जाने वाले जीवंत और त्योहार सभी पर्यटकों और आगंतुकों को परम आध्यात्मिक शांति और सुकून प्रदान करते हैं।

कैसे पहुंचें
छत्तीसगढ़ वह क्षेत्र था जिसे दक्षिण कोसल के रूप में जाना जाता था, जिसका उल्लेख रामायण और महाभारत दोनों में मिलता है। हवाई मार्ग निकटतम हवाई अड्डा रायपुर (84 किमी) है जो मुंबई, दिल्ली, नागपुर, भुवनेश्वर, कोलकाता, रांची, विशाखापत्तनम और चेन्नई से जुड़ा है। रेल मार्ग माडकू द्वीप का निकटतम रेलवे स्टेशन बिलासपुर रेलवे स्टेशन जंक्शन है जो माडकू द्वीप से 33 किमी दूर है। सड़क मार्ग शिवनाथ नदी के शांत जल पर स्थित, रायपुर से 80 किमी और बिलासपुर से 33 किमी दूर है।

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