भाजपा स्थापना दिवस: दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी कैसे बनी भारतीय जनता पार्टी?

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) आज 6 अप्रैल को अपना स्थापना दिवस मना रही है। 1980 में बनी यह पार्टी आज दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन चुकी है। यह सफर आसान नहीं रहा, लेकिन कुछ बड़े और अहम फैसलों ने भाजपा को इस ऊंचाई तक पहुंचाया।
मोदी और शाह की जोड़ी ने बदली दिशा
साल 2014 में जब भाजपा ने नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया, तब पार्टी की सदस्य संख्या करीब 5-6 करोड़ थी। चुनाव में बड़ी जीत के बाद मोदी सरकार बनी और अमित शाह को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष नियुक्त किया गया। तब चीन की कम्युनिस्ट पार्टी दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी थी, लेकिन अमित शाह के नेतृत्व में भाजपा ने 2015 में ही उसे पीछे छोड़ दिया।
सदस्यता अभियान ने बनाया रिकॉर्ड
अमित शाह ने अध्यक्ष बनते ही सबसे पहले बड़ा सदस्यता अभियान शुरू किया। उस समय देश में मोदी लहर चल रही थी, जिसका फायदा भाजपा को मिला। लाखों लोग पार्टी से जुड़े और देखते ही देखते भाजपा की सदस्य संख्या 10 करोड़ के पार पहुंच गई। यह पहली बार था जब भाजपा ने इतनी बड़ी संख्या में जनता से सीधे जुड़ने का प्रयास किया।
तकनीक का जोरदार उपयोग
भाजपा ने तकनीक का खूब इस्तेमाल किया। मोबाइल और वेबसाइट के जरिए लोग घर बैठे पार्टी के सदस्य बन सकते थे। मिस्ड कॉल देकर भी सदस्यता ली जा सकती थी। पार्टी ने अपने अंदरूनी कामकाज के लिए ऐप्स और व्हाट्सएप ग्रुप बनाए। सोशल मीडिया पर भी भाजपा ने जमकर प्रचार किया, जिससे ज्यादा लोग पार्टी की ओर आकर्षित हुए।
सोशल इंजीनियरिंग और स्थानीय रणनीति
अमित शाह ने हर राज्य की सामाजिक संरचना को ध्यान में रखकर रणनीति बनाई। पार्टी ने अपने पारंपरिक वोट बैंक को मजबूत किया और नए समुदायों को भी जोड़ा। राम मंदिर जैसे मुद्दों को प्रमुखता दी गई। हर चुनाव में बूथ स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक जोरदार तैयारी की गई।
भाजपा ने अपने संगठन को मजबूत करने के लिए जिले से लेकर मतदान केंद्र तक नई जिम्मेदारियां तय कीं। पन्ना प्रमुख जैसे नए पद बनाए गए, जो सीधे वोटरों से संपर्क में रहते हैं। पार्टी ने स्थानीय कार्यकर्ताओं को अधिकार दिए और संगठन में सबको प्रतिनिधित्व देने की कोशिश की।
इन सभी कोशिशों का नतीजा है कि आज भाजपा न सिर्फ भारत, बल्कि दुनिया की सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी बन गई है।