BJP और कांग्रेस के संगठनों में बड़ा बदलाव, जानिए क्या होगा बदलाव का असर

रायपुर। छत्तीसगढ़ में लगभग सभी चुनाव जैसे- लोकसभा, विधानसभा और नगरीय निकाय… तीनों स्तर के चुनाव निपट चुके हैं.. सभी में bjp को जीत मिली.. और कांग्रेस को करारी हार का सामना करना पड़ा… राज्य में bjp की ट्रिपल इंजन की सरकार बनी… जबकि कांग्रेस को हर स्तर पर पटखनी मिली… इस दौरान bjp की कमान किरण सिंह देव ने और कांग्रेस की कमान दीपक बैज ने संभाली.. वहीं अब चुनाव निपट चुके है….. तो दोनों ही पार्टियां अपने- अपने संगठन में बड़े बदलाव की तैयारीयों में जुटी है.. तो आज हम बात करेंगे उन्हीं बदलाव की…

तो पहले बात कर लेते हैं bjp कि

जैसा कि हमने अभी बताया कि प्रदेश के लगभग सारे चुनाव निपट चुके हैं.. जिसमें bjp को एक तरफा जीत मिली.. और इस दौरान किरण सिंह देव ने कमान संभाली.. वहीं फिलहाल पार्टी में राष्ट्रिय अध्यक्ष के बदलाव की कवायद चल रही है… जिसके लिए अगले माह चुनाव होंगे.. और इसके बाद ही प्रदेश संगठन में बदलाव होंगे… प्रदेशाध्यक्ष किरण सिंह देव की कार्यकारणी में बदलाव होंगे… जिसमें किरण सिंह देव की नई टीम तैयार होगी…

वहीं इस नई टीम में कई पदाधिकारी और मोर्चा प्रकोष्ठ बदले जाएंगे… क्योंकि उन्हें अब नए पद मिल चुके हैं… दरअसल पहले जगदीश रामु रोहरा प्रदेश महामंत्री थे… और वो अब धमतरी के महापौर बन चुके हैं.. वहीं मधुसुदन यादव जो उपाध्यक्ष थे.. वो राजनांदगांव के महापौर बन चुके हैं.. इसके अलावा संगठन में कई ऐसे भी लोग हैं… जिन्हें निगम मंडल और आयोग में पद मिलने की संभीवना है.. तो ऐसे लोग जिन्हें नई जिम्मेदारियां मिल रही है.. उनके जगह पर संगठन में नए लोगों को नियुक्त किया जाएगा…

अब बात करें कांग्रेस की तो.. इसमें भी बदलाव की चर्चा काफी पुरानी है… लेकिन अब तक पार्टी इस पर कोई निर्णय नहीं ले पाई है… दरअसल अभी कांग्रेस की कमान दीपक बैज के ही हाथों में है…और उनके नेतृत्व में पार्टी पुरे प्रदेश में लगभग सभी चुनाव हार गई.. जिसके चलते पार्टी के कई लोगों का मानना है कि दीपक बैज को बदलकर TS सिंहदेव को पार्टी की कमान सौंपनी चाहिए.. वहीं कुछ लोगों का मानना है कि दीपक बैज को अपनी काबिलियत साबित करने का काफी कम समय मिला… उन्हें एक और मौका मिलना चाहिए..

वहीं राज्य की संगठनात्मक सर्जरी की चर्चा के बीच, कांग्रेस में एक और चर्चा शुरु हो गई है… वो है पार्टी के राष्ट्रिय नेतृत्व की.. जिसमें छत्तीसगढ़ को भी प्राथमिकता सुची में रखा गया है… क्योंकि कांग्रेस का राष्ट्रिय नेतृत्व, छत्तीसगढ़ को बेहतर संभावनाओं वाला राज्य मानता है और इसके लिए लिए छत्तीसगढ़ में विशेष तौर चर्चा हो सकती है… जिसके चलते राज्य की कार्यकारणी में बदलाव को फिलहाल रोक दिया गया है… वहीं इन बदलाव के मामले में उन राज्यों में मंथन होगा… जहां अब कोई चुनाव नहीं है…

वहीं अब छ्त्तीसगढ़ में ये चर्चा भी है कि छत्तीसगढ़ को लेकर पार्टी में कड़े फैसले किए जा सकते हैं क्योंकि कांग्रेस अपना वोट बैंक छत्तीसगढ़ को ही मानती है.. जिसके चलते पार्टी ने निचले स्तर से संगठन में सर्जरी का फैसला लिया है… और व्यापक बदलाव किए जाएंगे.. जिसके साथ ही एक नई काडर को तैयार किया जाएगा.. और राज्य के लिए नया रोडमैप तैयार होगा.. जिसके आधार पर पार्टी कार्य करेगी…

चलिए अब जान लेते हैं कि इससे फायदा क्या होगा… तो पार्टी संगठन का मानना है कि इससे संगठन को मजबुती मिलेगी… और पार्टी फिर मजबुती से उभरेगा… दरअसल आगामी 3 अप्रेल को राहुल गांधी.. छत्तीसगढ़ के 36 जिलाध्यक्षों से चर्चा करेंगे… जिसमें पार्टी को नए सिरे से मजबुत करने की दिशा में चर्चा होगी.. और इसके लिए  छत्तीसगढ़ के सभी जिलाध्यक्षों को निमंत्रण भी मिल चुका है… इसके अलावा पार्टी हाईकमान, जिलाध्यक्षों को कुछ विशेष अधिकार भी देने वाली है.. जिससे आने वाले समय में  जिलाध्यक्ष की पावर भी बढ़ेगी.. और पार्टी को मजबुती मिलेगी…. वहीं आने वालो समय में चुनाव टिकट वितरण में जिलाध्यक्षों की भुमिका भी सुनिश्चित की जाएगी….

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