देश के खूबसूरत गांव जिन्हें मिला राष्ट्रीय पुरस्कार

भारत में हर राज्य में अपने आप में एक अलग खूबसूरती और संस्कृति से भरे हुए गांव हैं। इन गांवों की विशेषता न केवल उनकी प्राकृतिक सुंदरता में होती है, बल्कि उनकी सांस्कृतिक विरासत, पारंपरिक कारीगरी और सामाजिक विकास में भी होती है। केंद्र सरकार द्वारा इन गांवों को सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव का राष्ट्रीय पुरस्कार मिलने से उनकी पहचान और भी मजबूत हुई है। आइए जानते हैं ऐसे कुछ खूबसूरत गांवों के बारे में जिन्हें हाल ही में राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित किया गया।

1. प्राणपुर, मध्य प्रदेश (क्राफ्ट श्रेणी)
प्राणपुर गांव, जो चंदेरी के पास स्थित है, को क्राफ्ट श्रेणी में पुरस्कार मिला है। इस गांव में पारंपरिक हथकरघा बुनाई की कला का प्रचार-प्रसार वर्षों से होता आ रहा है। यहां के निवासी दो-तीन पीढ़ियों से हथकरघा पर आधारित बुनाई कार्य करते आ रहे हैं। इस गांव के 243 घरों में 50 से अधिक कारीगर बांस, लकड़ी, पत्थर, आभूषण, और मिट्टी से कारीगरी करते हैं। इन कारीगरों के काम के कारण प्राणपुर एक प्रमुख पर्यटक आकर्षण बन चुका है।

वहां का “हैंडलूम कैफे” पर्यटकों के बीच खासा लोकप्रिय है, जहां लोग न केवल चाय और नाश्ता करते हैं बल्कि स्थानीय कारीगरी को भी देख सकते हैं। इसके अलावा, गांव में सड़क मरम्मत के लिए स्थानीय पत्थरों का इस्तेमाल किया गया है, जो प्राचीन शिल्प कला को दर्शाता है।

2. सावरवानी, मध्य प्रदेश (जिम्मेदार पर्यटन श्रेणी)
सावरवानी गांव, जो छिंदवाड़ा जिले के तामिया विकासखंड में स्थित है, को जिम्मेदार पर्यटन श्रेणी में पुरस्कार मिला है। इस गांव में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए कई प्रयास किए गए हैं और यह अब एक आदर्श पर्यटन स्थल बन चुका है। यहां के लोग कृषि और पशुपालन से जुड़ी गतिविधियों में पर्यटकों को शामिल करते हैं।

सावरवानी में पर्यटकों के लिए शांति और प्राकृतिक परिवेश का अनुभव करना एक अद्भुत अनुभव होता है। यहां लोग बैलगाड़ी की सवारी, गायों का दूध निकालना, और कृषि कार्यों में भाग लेना पसंद करते हैं। गांव के पास स्थित सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का बफर जोन, घोघरा झरना, पातालकोट और झिगरिया झरना जैसे प्राकृतिक आकर्षण भी पर्यटकों को आकर्षित करते हैं। सावरवानी में पर्यटकों को आदिवासी कर्मा नृत्य और भक्ति संगीत का आनंद भी मिलता है, जो इस स्थान को और भी खास बनाता है।

3. लाडपुरा, मध्य प्रदेश (जिम्मेदार पर्यटन श्रेणी)
लाडपुरा गांव को भी जिम्मेदार पर्यटन श्रेणी में पुरस्कार मिला है। यह गांव खासकर अपनी सादगी, स्वच्छता और पारंपरिक जीवनशैली के कारण प्रसिद्ध है। यहां की स्थानीय संस्कृति और हरियाली पर्यटकों को आकर्षित करती है। यहां के लोग पर्यटकों को अपनी जीवनशैली में शामिल करने के साथ-साथ स्थानीय कला और शिल्प को भी दिखाते हैं।

इन गांवों का चयन क्यों किया गया?
इन गांवों को राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित करने का मुख्य उद्देश्य था, ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना और स्थानीय संस्कृति, कला और विरासत को संरक्षित रखना। “सर्वश्रेष्ठ पर्यटन गांव प्रतियोगिता” 2024 में इन गांवों को यह पुरस्कार मिला, जिसमें 991 आवेदन प्राप्त हुए थे और 30 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों से कुल 36 गांवों को विभिन्न श्रेणियों में सम्मानित किया गया।

Show More
Follow Us on Our Social Media
Back to top button
सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई मेघालय में इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस में बड़ा खुलासा…
सोनम ने ही राजा को दिया था खाई में धक्का… आरोपियों ने बताई सच्चाई मेघालय में इंदौर के राजा रघुवंशी मर्डर केस में बड़ा खुलासा…