अमरावती: आंध्र प्रदेश में राजनीतिक हलचल अचानक से तेज हो गई है. इस राजनीतिक हलचल में वाईएसआरसीपी को बड़ा नुकसान हो सकता है. चर्चा है कि वाईएसआरसीपी के आठ राज्यसभा सांसद इस्तीफा देने की कवायद में जुटे हैं. खबर ये भी है कि इस्तीफा देने के बाद वे भाजपा और टीडीपी शामिल होंगे.
आंध्र प्रदेश में वाईएसआरसीपी के कई राज्यसभा सांसद इस्तीफा देने को तैयार बताए जा रहे हैं. मोपीदेवी वेंकटरमण राव और बेदा मस्तान राव आज राज्यसभा के सभापति को अपना इस्तीफा सौंपेंगे. इसके लिए दोनों दिल्ली पहुंच गए हैं. बताया जा रहा है कि रास्ते में वाईएसआरसीपी के छह और सांसद इस्तीफा देने की तैयारी में हैं.
इस्तीफा देने की तैयारी कर रहे इन आठ लोगों में से चार टीडीपी की ओर और चार भाजपा की ओर देख रहे हैं. शुरू से राजनीति में रहे सांसद टीडीपी में शामिल होंगे और व्यापारी वर्ग से राज्यसभा के लिए चुने गए सांसद भी भाजपा में शामिल होंगे. बता दें कि आंध्र प्रदेश में राज्यसभा की कुल 11 सीटें हैं. 2019 में राज्य में वाईएसआरसीपी के सत्ता में आने के बाद तीन चरणों में हुए चुनावों में सभी 11 सीटों पर वाईएसआरसीपी के नेता राज्यसभा के लिए चुने गए.
संख्या बल के लिहाज से वह राज्यसभा में चौथी सबसे बड़ी पार्टी बन गई. 2024 के आम चुनाव में वैकपा की करारी हार के बाद उस पार्टी से पलायन शुरू हो गया. कई सांसद और एमएलसी जो अपमान और कठिनाइयों के बावजूद धैर्य के साथ उसी पार्टी में बने रहे, अब वैकपा छोड़ रहे हैं. वाईएस जगन को व्यापार, राजनीति, राज्य और दिल्ली में समर्थन देने वाले एक अन्य सांसद भी वाईएसआरसीपी से इस्तीफा देंगे. जगन के करीबी रिश्तेदार सांसद वाईवी सुब्बारेड्डी वाईएसआरसीपी में बने रहने वाले दो अन्य सांसद हैं.