अमरनाथ यात्रा मार्ग बना ‘नो फ्लाइंग ज़ोन’, यात्रा के लिए सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम

जम्मू-कश्मीर
जम्मू-कश्मीर सरकार ने 2025 की अमरनाथ यात्रा को सुरक्षित और व्यवस्थित बनाने के लिए बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने यात्रा मार्ग को ‘नो फ्लाइंग ज़ोन’ घोषित कर दिया है। यह आदेश 1 जुलाई से 10 अगस्त 2025 तक प्रभावी रहेगा, जबकि अमरनाथ यात्रा 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी।
ड्रोन, UAV और गुब्बारों पर प्रतिबंध
इस आदेश के तहत, ड्रोन, UAVs (Unmanned Aerial Vehicles) और गुब्बारों समेत हर तरह के उड़ने वाले उपकरणों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। यह फैसला पहलगाम हमले जैसी घटनाओं को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
हालांकि, मेडिकल इवैक्युएशन, आपदा प्रबंधन और सुरक्षा बलों द्वारा की जा रही निगरानी उड़ानों को इससे छूट दी गई है। इन उद्देश्यों के लिए एक अलग SOP (Standard Operating Procedure) जल्द ही जारी की जाएगी।
सुरक्षा में लगे रहेंगे 58,000 जवान
सरकार ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर इस बार अभूतपूर्व इंतजाम किए हैं:
यात्रा मार्ग पर 581 कंपनियों की तैनाती, जिनमें लगभग 58,000 सुरक्षाकर्मी शामिल होंगे।
इनमें से 156 कंपनियाँ पहले से जम्मू-कश्मीर में तैनात हैं, जबकि 425 कंपनियाँ 10 जून तक तैनात की जा चुकी हैं।
काफिलों की सुरक्षा के लिए हाई-टेक जैमर लगाए जाएंगे, जिन्हें केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (CAPF) द्वारा सुरक्षा दी जाएगी।
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए सख्त निगरानी
इस बार यात्रा मार्ग पर आम श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए कई अहम कदम उठाए गए हैं:
पोनी वालों और पिट्ठू सेवाओं का सख्त वैरिफिकेशन किया जा रहा है।
क्रिमिनल रिकॉर्ड वाले व्यक्तियों को यात्रा सेवा संचालन की अनुमति नहीं दी जाएगी।
घोड़े-खच्चरों की RFID टैगिंग की गई है, जिससे उन्हें रियल टाइम ट्रैक किया जा सके।
टेक्नोलॉजी से लैस सुरक्षा व्यवस्था
यात्रा मार्ग पर सुरक्षा को और मजबूत करने के लिए कई विशेष टीमें लगाई गई हैं
रोड ओपनिंग पार्टी (ROP),क्विक एक्शन टीम (QAT),बॉम्ब डिफ्यूजल स्क्वॉड,K9 यूनिट्स (विशेष रूप से प्रशिक्षित खोजी कुत्ते)
ड्रोन से निगरानी और हाई रेजोल्यूशन कैमरे इनमे शामिल है





