छत्तीसगढ
माँ दुर्गा का विशेष दरबार बनेगा बिलासपुर के गोल बाजार में, गरुड़ के भी होंगे दर्शन
बिलासपुर। बिलासपुर में शारदीय नवरात्र तीन अक्टूबर से शुरू होने जा रहा है और दुर्गा उत्सव की तैयारी धूमधाम से चल रही है। गोल बाजार में इस वर्ष भक्तों के लिए एक अद्वितीय माहौल तैयार किया जा रहा है, जहां माता का विशेष दरबार सजेगा और भक्तों को भव्य श्रृंगार के साथ मां के दिव्य दर्शन का सौभाग्य मिलेगा।
दुर्गा पूजा उत्सव की मोहल्ले के वरिष्ठजनों ने की थी शुरूआत
समिति के अध्यक्ष अर्पित केशरवानी ने बताया कि इस पूजा उत्सव की शुरूआत मोहल्ले के वरिष्ठजनों ने की थी और अब चौथी पीढ़ी के बच्चे भी इसमें शामिल हैं। परंपरा के अनुसार, माता की प्रतिमा हमेशा श्रृंगारित रूप में होती है और मूर्तिकार भी पीढ़ी दर पीढ़ी मां की प्रतिमा को आकार देते आ रहे हैं। पहले 42 वर्षों तक माता को बनारसी साड़ी पहनाई जाती थी, लेकिन पिछले 20 वर्षों से लहंगा-चुनरी पहनाई जा रही है, जिसमें श्रृंगार पर विशेष ध्यान दिया जाता है।
पिछले साल से एक नई परंपरा की शुरुआत
कार्यकारी अध्यक्ष विनय ठारवानी ने बताया कि पिछले साल से एक नई परंपरा की शुरुआत की गई है, जिसमें माता के आगमन पर भव्य स्वागत-सत्कार का आयोजन किया जाएगा। इस बार इसे और भी भव्य रूप दिया जाएगा। महाआरती के साथ मेरठ के कलाकार दीपक आर्ट द्वारा झांकी प्रस्तुत की जाएगी।
सिटी कोतवाली के पास भक्तों की भीड़ जुटेगी, जिसमें व्यापारी, महिलाएं और बच्चे शामिल होंगे। गांधी चौक से गोल बाजार तक भव्य स्वागत होगा और रायपुर से गरुण की झांकी हवा में उड़ते हुए नजर आएगी। इस अवसर पर राजस्थानी कला संस्कृति का अद्भुत संगम देखने को मिलेगा, साथ ही विशेष आतिशबाजी का भी आयोजन किया जाएगा।
गोंड़पारा रथ पर सवार होंगी माता
नवप्रभात दुर्गोत्सव समिति गोंड़पारा में इस साल पूजा उत्सव का 58वां वर्ष मनाएगी। माता के आगमन को लेकर यहां भी विशेष तैयारी चल रही है। महिलाएं माता का स्वागत करेंगी। धुमाल, आतिशबाजी, फायर वर्क होगा। माता रथ पर विराजमान रहेंगी। किशन चौक में गंगा की तर्ज पर महाआरती होगी। जूना बिलासपुर से लेकर सिम्स चौक तक लगभग 20 से अधिक पंडालों का निर्माण किया जाएगा।
आतिशबाजी से गूंज उठेगा आसमान
दुर्गा उत्सव पर इस साल बड़े पैमाने पर आतिशबाजी होगी। समितियों ने इसे लेकर पुख्ता तैयारी कर ली है। म्यूजिक सिस्टम प्रतिबंधित होने के बाद से समितियों ने दूसरा रास्ता खोज लिया है। पटाखों के जरिए आतिशबाजी के साथ फायर वर्क से उत्सव मनाएंगे।