चुनाव के उद्देश्य को पूरा करने के लिए ना हो जातीय जनगणना: RSS
पलक्कड़: केरल के पलक्कड़ में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय बैठक आज सोमवार 2 सितंबर को समाप्त हो गई. राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के राष्ट्रीय समन्वय सम्मेलन ने पश्चिम बंगाल में ट्रेनी महिला डॉक्टर रेप-मर्डर घटना की निंदा की गई. आरएसएस ने रेप-मर्डर केस को ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण’ बताया. अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर ने इस बात की जानकारी दी. उन्होंने जातीय जनगणना को लेकर भी बड़ा बयान दिया.
जानकारी के मुताबिक आरएसएस ने कहा कि समाज की एकता और अखंडता को बनाए रखना बेहद जरूरी है. वहीं, जातीय जनगणना को लेकर आरएसएस ने कहा कि यह एक संवेदनशील मुद्दा है. इससे समाज की एकता और अखंडता को खतरा पैदा हो सकता है. आरएसएस ने निर्णय लेते हुए कहा कि देश में समरसता को बढ़ाने के लिए कार्य किया जाएगा.
पलक्कड़ में आरएसएस की बैठक में कहा गया कि सिर्फ चुनाव के उद्देश्यों को पूरा करने के लिए जातीय जनगणना नहीं होनी चाहिए. भारतीय समाज में जातिगत प्रतिक्रियाओं का मुद्दा संवेदनशील है. वहीं, आरएसएस का यह भी मानना है कि अगर कल्याणकारी उद्देश्यों के लिए विशेष रूप से गरीबों, दलितों की संख्या जानने का सरकार का विचार है, तो यह ठीक कदम है
संगठन को पूरे हुए 100 साल
बता दें, आरएसएस की स्थापना को 100 साल पूरे हो गए हैं. इसके तहत सामाजिक परिवर्तन के लिए काम करने की भी योजना बनाने पर जोर दिया गया. आरएसएस की बैठक में पश्चिम बंगाल में ट्रेनी डॉक्टर रेप-मर्डर केस, वायनाड लैंडस्लाइड जैसी घटनाओं पर भी विचार-विमर्श किया गया.
कांग्रेस ने किया हमला
आरएसएस के जातीय जनगणना वाले बयान पर कांग्रेस ने प्रतिक्रिया दी है. पार्टी ने कहा कि आरएसएस ने जातीय जनगणना का खुलकर विरोध किया है. उनका कहना है कि यह देश के हित के लिए सही नहीं है. कांग्रेस ने कहा कि इससे साफ हो गया है कि ये लोग जातीय जनगणना कराने से पीछे हट रहे हैं. ये दलितों, पिछड़ों का हक मार रहे हैं. कांग्रेस ने कहा कि हमलोग हर कीमत पर देश में जातीय जनगणना करवा कर रहेंगे.